वैश्य महाविद्यालय में हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद एवं चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आत्मनिर्भर हरियाणा एवं भिवानी दादरी जिला आत्मनिर्भरता एक चर्चा कार्यक्रम का किया आयोजन।
भिवानी, 02 फरवरी: “हम सब स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग कर राष्ट्र को विश्व की प्रमुख आर्थिक शक्ति बना सकते हैं। वोकल फॉर लोकल के सिद्धांत से अब आत्मनिर्भर होगा भारत।” यह विचार स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संगठक सतीश कुमार जी ने हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद एवं चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में वैश्य महाविद्यालय में आत्मनिर्भर हरियाणा एवं भिवानी दादरी जिला आत्मनिर्भरता एक चर्चा विषय पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि, “कोरोना काल में जहां विश्व के विकसित देश गंभीर संकट से जूझ रहे थे वही हमारे देश में इसे एक चुनौती के रूप में लिया और इन इस चुनौती को अवसर में बदलने का काम किया। देश में मास्क पीपीटी किट सेनीटाइजर वेंटिलेटर का बहुत कम समय में उत्पादन कर हमारे देश में आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की। भारत ने कोरोना की दो पूर्ण स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर संपूर्ण विश्व को यह दर्शा दिया कि भारत किसी से कम नहीं है और आने वाले समय में भारत विश्व का पुनः नेतृत्व करेगा।”
उन्होंनें कहा कि, “विश्वविद्यालय के पास चालीस हजार विद्यार्थी पंजीकृत हैं और मैं उन सभी विद्यार्थियों के अभिभावक के नाते यह आह्वान करता हूं कि महाविद्यालय, विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों को उद्यममशील बनाने का काम करें। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का यह कर्तव्य है कि विद्यार्थियों को स्वरोजगार की ओर प्रोत्साहित कर उन्हें सही प्रशिक्षण देने का काम करें।”
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को सरकारी नौकरी के पीछे भागने की बजाय स्वरूप स्वरोजगार अपनाकर रोजगार सृजन में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए।
स्वदेशी जागरण मंच के उत्तर क्षेत्रीय संयोजक एवं विशिष्ट अतिथि विजय वत्स जी ने संबोधित करते हुए कहा कि, “हम हमारे स्थानीय क्षेत्र के उत्पादों को तैयार करने उनकी मार्केटिंग और प्रोत्साहित करने के लिए प्रयासरत रहें। इस मरुस्थलीय क्षेत्र में भी अनेक ऐसे उत्पाद हम बना सकते हैं जो देश ही नहीं विश्व में अपनी पहचान बना सकते हैं और यह सब हम सबको मिलकर करना होगा तभी भारत का आत्मनिर्भर का सिद्धांत साकार हो सकेगा।”
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर.के. मित्तल जी ने सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का यह प्रयास है कि विद्यार्थी स्वरोजगार को बढ़ावा दें और स्थानीय समस्याओं का हल शिक्षा के माध्यम से निकले। उनका यह प्रयास रहेगा कि शिक्षा के माध्यम से किस प्रकार ग्रामीण विकास में सहभागिता हो इसके लिए अनुसंधान के साथ-साथ जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के बारीक शिक्षा के साथ-साथ कौशल कौशल विकास को बढ़ावा देगा।
प्रोफेसर विकास गुप्ता ने मुख्य अतिथियों का परिचय देते हुए विभिन्न कालेजों से आए शिक्षकों का परिचय कराया। मंच का संचालन डॉ हरिकेश पंघाल ने किया। सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन वैश्य महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुधा चौहान ने किया और उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक की विकास यात्रा पर विस्तृत विचार रखें। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ जितेंद्र कुमार भारद्वाज ने सभी मुख्य अतिथियों सहभागिता करने वाले सभी शिक्षकों एवं स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं का धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया।
संवाद कार्यक्रम में विभिन्न कॉलेजों से आए शिक्षकों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्य अतिथियों से सवाल किए इन सुझाव दिए। इस अवसर पर प्रो. सविता मित्तल, डीन डॉ. सुरेश मलिक, डॉ. सुनीता भरतवाल, नोडल अधिकारी संजय गोयल, प्रो. बाबूराम, डॉ. रश्मि बजाज, डॉ. कुलदीप कुमार, डॉ. रेखा शर्मा, डॉ. वेदप्रकाश, डॉ. प्रोमिला सुहाग, डॉ. उमेद शर्मा, डॉ. कृतिका, डॉ. विभा राजगढ़िया, मोहित रेवड़ी सहित अनेक शिक्षक उपस्थित थे।
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