

भिवानी विश्वविद्यालय में उद्यमिता और स्वरोजगार पर बोलते हुए, आत्मनिर्भर हरियाणा की एक गोष्ठी में।
तीन दिन पूर्व भिवानी मे कुलपति राजकुमार मित्तल जी से बात हो रही थी।विषय आया कि कोरोना महामारी से भारत को पूरी तरह निजात कब तक मिलेगी? कब पूरी तरह स्कूल कॉलेज खुलेंगे? कब अर्थवयवस्था पूरी तरह चल निकलेगी?
मैंनें कहा, “वैसे गत 17 सितम्बर से लेकर अब तक का ग्राफ, तो यही बता रहा है कि हम इस महामारी पर निर्णायक विजय की और हैं। कहां तो प्रतिदिन 95000 केस आ रहे थे, और कहां परसों 8600 केस आए हैं! सितंबर अक्टूबर में प्रतिदिन 11-1200 मृत्यु हो रही थी, और परसों केवल 97 लोग ही कोरोना के कारण से चल बसे।
यही नहीं अभी रिकवरी रेट 97% हो गया है और एक्टिव मरीज तो 1,50,000 से भी कम रह गए हैं। उधर वैक्सीन दो-दो चल पड़ी हैं। और दुनिया में किसी भी देश से अधिक तेजी से टीकाकरण करते हुए कल तक 40 लाख लोगों को टीका लगाया जा चुका है।”
VC राजकुमार जी बोले, “तो क्या माने कब तक?”
मैंने कहा, “तारीख बताना तो कठिन है। हाँ! गत वर्ष 22 मार्च को लॉक डाउन हुआ था, भगवान करे इस 22 मार्च को हम कहें, कि हां करोना समाप्त हो गया है। लगता भी है, और ईश्वर पर विश्वास भी है। इस 1 वर्ष को शून्य वर्ष मानकर फिर से देश को खड़ा करने की और सब लोग जुटें, इस समय इतना ही कहना है।”
~ सतीश कुमार
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