

कॉन्क्लेव के कुछ चित्र
आज चंडीगढ़ में स्वदेशी से संबंध सीईपीआर की तरफ से इंडिया टूरिज्म कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में मुझे बोलना था और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल मुख्य अतिथि थे।
अन्य विषयों के अलावा easymytrip के सीईओ ने बताया के टूरिज्म में यात्रियों की संख्या प्री-कोविड लेवल पर आ गई है। यानि देश में और विदेशों से टूरिस्ट अब पहले की तरह भारत में आने लगा है।
फिर यह भी आया कि 2014 से 2019 के बीच में 63 लाख 40 हजार नौकरियां टूरिज्म में ही विकसित हुई हैं। हाँ, यह भी सच है कि कोरोना के कारण इसी क्षेत्र का सबसे अधिक नुकसान भी हुआ है। यानि अगर भारत अपने टूरिज्म को ठीक से दोहन कर ले तो रोजगार का एक बड़ा क्षेत्र खुलेगा।
यह सच भी है। वैष्णो देवी जम्मू में 1986-87 तक केवल तीन लाख तीर्थयात्री आते थे। जब वहां राज्यपाल जगमोहन जी ने बोर्ड बना कर उसको धार्मिक पर्यटन के नाते से विकसित किया अब वहां एक करोड़ 10 लाख यात्री, प्रतिवर्ष आते हैं। इससे जम्मू की इकोनॉमी और रोजगार में बहुत अच्छी वृद्धि हुई है। मैंने वहां बोलते हुए कहा कि यह क्षेत्र पूर्णतया स्वदेशी है और हरियाणा में राखीगढ़ी जैसे स्थान हैं जहां पर दिखाने लायक बहुत कुछ है। और हम देसी विदेशी पर्यटकों को भारत में स्थानीय चीजों के लिए आकर्षित कर सकते हैं। भारत सरकार ने भी “देखो भारत योजना” शुरू की है।
~सतीश कुमार
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