

राजस्थान का दो दिवसीय विचार वर्ग आज पुष्कर में सम्पन्न हुआ! 14 जिलों से 149 कार्यकर्ता,जिनमें 25 महिलाएँ भी थीं,इस तीर्थ स्थल पर स्वदेशी विचार सरोवर में डुबकियां लगाते रहे!
मा:भगवती का जब धाराप्रवाह उदबोधन चलता है,तो कार्यकर्ता मंत्रमुग्ध होकर स्वदेशी विषयों को दिल,दिमाग में बैठाने को आतुर रहते ही हैं!
कश्मीरीलाल जी का सरस,सरल व ह्रदय को छूने वाला संदेश पा कार्यकर्ता कार्य करने को दृढ होते हैं तो इस बार चित्रकूट आश्रम के पाठक जी महाराज के स्वदेशी व पर्यावरण पर सफल प्रयोगों का सुनकर सब हर्षित थे!
अ:भा:प्रचार प्रमुख प्रदीपजी ने पर्यावरण व विषमुक्त खेती की चर्चा की तो मैने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य व व्यापारयुद्ध की चर्चा की!
प्रान्तीय कार्यकर्ताओं की राजस्थान की टीम नें मेहनत व टीमवर्क से इस विचार वर्ग को पूर्ण रूप से सफल बनाने में कोई कसर न छोड़ी!
स्वदेशी जागरण मंच का कार्य राष्ट्रव्यापी बनाने में ऐसे ही वर्गों की बड़ी भूमिकाहै! मंच ही क्यों किसी भी संगठन के कार्यकर्ता निर्माण में ऐसे ही प्रशिक्षण वर्गों की महती भूमिका होतीहै!इसी कार्यपद्धति के कारण आर्थिक विषयों हेतू राष्ट्रऋषि दतोपंत ठेंगड़ी द्वारा रोपा स्वदेशी पौधा आज वटवृक्ष बनने को अग्रसर है!..
बहुत दिनों बाद गीत याद आ रहा है…
मन मस्त फकीरी धारी है,
अब एक ही धुन जय जय भारत!
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