गत दिनों फरीदाबाद में एक बन्धु स्वदेशी भवन हेतु सहयोग देते हुए।
कल भिवानी में भिवानी व मीरपुर विश्वविद्यालय के कुलपतियों से चर्चा हो रही थी। की “यह जो दूसरी लहर आई है,इससे भारत कैसे निकलेगा कब तक निकलेगा?” मैंने कहा “सरकारें जो करें सो करें, हम शिक्षाविदों सामाजिक संस्थाओं और धार्मिक संस्थाओं की भी बहुत बड़ी भूमिका होनी चाहिए।”
फिर वहां आया कि भारत में अब तक लगभग 12 करोड लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।यह अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है।लगभग 30 लाख डॉज प्रतिदिन लगाकर भारत अमेरिका के बराबर पर है। दुनिया को भी 60 देशों को हमने सप्लाई की है।यह नहीं पता था की दूसरी लहर इतनी जल्दी,व इतनी तीखी होगी।”
फिर प्रोफेसर साहब बोले “कोई बात नहीं, भारत ने पहली लहर को भी दुनिया में सबसे अच्छे ढंग से हराया तो इसमें भी क्यों नहीं हरा देंगे?
मैंने कहा “वैक्सीन की कमी पड़ने लगी है क्या?”
तो वे बोले “पहले तो है नहीं, लेकिन जितनी सजग अपनी सरकार है वह कोई कमी होगी भी, तो उसे ठीक कर लेगी।”
आज ही समाचार आया की प्रधानमंत्री की अपील पर हरिद्वार के संतों ने कुंभ मेले को अब केवल प्रतीकात्मक कर दिया है। 13 अखाड़ों के 26 प्रतिनिधि ही शाही स्नान करेंगे। वहां भीड़ तेजी से छट रही है।सारा देश, अपने संतों के इस मार्गदर्शन से प्रेरित हुआ है।
सबको मिलकर, एकजुट होकर,संकल्प के साथ सक्रिय भूमिका निभाना है, केवल टेलीविजन की चर्चा, फेसबुक और व्हाट्सएप नहीं घुमाते रहना…ठीक है?~सतीश कुमार
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