

कश्मीरी लाल जी इन दिनों तमिलनाडु प्रवास पर हैं। मदुरै विश्वविद्यालय में बोलते हुए।
समाचार है की टीसीएस (टाटा की IT कम्पनी) दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी बन गई है।
उसने अमेरिका की Accenture व IBM को भी पछाड़ दिया है। उसकी मार्केट वैल्यू 12.54 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गई है।
उधर इंफोसिस ने कहा है कि वह 40,000 नई नौकरियां निकाल रही है।विप्रो और अन्य भारतीय आईटी कंपनियों के शेयर भी उछाल पर हैं।
ऐसा सब इसलिए है कि भारतीय युवा (लड़के-लड़कियां) अत्यंत मेधावी हैं और मैनेजमेंट में भी हमारे लोग विश्व स्तर के हैं।
पिछले वर्ष कुल 200 अरब डॉलर की कमाई आईटी कंपनियों के माध्यम से देश को हुई है। और मजे की बात यह है कि 150 अरब डॉलर यह विदेशों से कमा कर हमारे युवा देश में ले आए हैं।
बाईडन ने अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही H1B वीज़ा नीति ठीक कर दी है। इससे पांच लाख भारतीय, जिनमें आईटी के ही ज्यादा हैं, को मदद मिलेगी।
हमारी जीडीपी का 9% आईटी सेक्टर से ही आ रहा है। यह इस बात का प्रमाण है कि यदि हम अपने युवाओं की प्रतिभा का इस्तेमाल ठीक से करें तो क्या नहीं कर सकते?
फेसबुक, व्हाट्सएप, टि्वटर, इनको अब भारत से विदा कर अपने सोशल मीडिया ऐप्स उतारने चाहिए। हमारे युवा अगर माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, पेप्सिको अमेरिका में चला सकते हैं, तो यह तो कठिन नहीं होगा।
भारत के युवाओं में है, दम बोलो वंदे मातरम!
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