

न्यूजीलैंड के सांसद गौरव व बिहार के कांग्रेसी विधायक शकील अहमद…अभिवादन!
समाचार है कि परसों न्यूजीलैंड के सांसद गौरव शर्मा ने अपनी संसदीय शपथ संस्कृत में ली है।और स्वयं ही उन्होंने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी।और यहां भी बिहार के कांग्रेस विधायक शकील अहमद के संस्कृत में शपथ लेने पर सारे देश में सुखद आश्चर्य हो रहा है। वैसे कुछ समय पहले सुरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद भी संस्कृत में शपथ ले चुके हैं।भारत में भी कुछ सांसद ऐसा कर चुके हैं।
अब करोड़ों भारतीयों की इच्छा है कि संस्कृत जन सामान्य की भाषा बने।किंतु उसके लिए केवल भावनाओं की नहीं, प्रक्रिया बनाने की आवश्यकता है। संस्कृत के तज्ञ लोगों को इसमें आगे आना होगा,कि कैसे संस्कृत आय और रोजगार से जुड़ जाए।जैसे योग के विषय में हुआ है।
केवल सरकार से मांग करना पर्याप्त नहीं। यद्यपि न्यूजीलैंड सांसद गौरव ने कहा की यह साढे तीन हजार वर्ष से अधिक पुरानी भाषा है।या हम कहते रहते हैं यह वेदों की,ग्रन्थों की भाषा है।किंतु गुणगान करने से काम नहीं चलेगा।शोधकर्ताओं को यह सिद्ध करना होगा कि कैसे यह विज्ञान व व्यापार की भाषा में अधिक उपयोगी होगी।
यह समय अनुकूल है। इस सरकार ने यूपीएससी की परीक्षा अब सभी भाषाओं के लिए खोल दी है।नई शिक्षा नीति में भी संस्कृत को प्रोत्साहन है।किंतु संस्कृत के प्रति आस्था रखने वालों को मेहनत करनी होगी।भगीरथ प्रयत्न करने होंगे।तभी बनेगी बात। जयतु संस्कृतम्!
~सतीश कुमार
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