
अमृतसर हस्पताल में घायलों से अपनापन व प्रेम बांटते हुए विभाग संघचालक करुणेश जी व स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल जी व अन्य!
कल सवेरे अमृतसर के विभाग प्रचारक अक्षय जी ने कश्मीरी लाल जी व मुझको अमनदीप अस्पताल में, अमृतसर रेलवे दुर्घटना में घायल हुए लोगों को सहायता राशि बांटने के लिए चलने को कहा!
सहज था, जाना ही था!
डॉ करुणेश जी विभाग संघ चालक,कुछ अन्य स्वयंसेवक पहले वहां अस्पताल के प्रमुख डॉ अवतार सिंह जी से मिले! उन्होंने संघ के स्वयंसेवकों के सेवा भाव की भूरी भूरी प्रशंसा की! “मैं संघ के अनेक अधिकारियों के निकट सम्पर्क में हूं! वे हमेशा ईमानदार व देशभक्ति से भरपूर होते हैं!”
किंतु बड़ी बात यह थी,जब हम सहायता राशि बांट रहे थे,तो विभाग संघ चालक उनसे क्या कह रहे थे “यह राशि नहीं,यह केवल प्रतीक है कि हम आपके साथ हैं! हमारा यह फोन नंबर है!आप रात के 12बजे भी कहेंगे तो हम आपको उपलब्ध रहेंगे!आप अपने आप को हमारे इस परिवार का ही मानो!”
एक बंधु उमेश कुमार के तो आंखों में आंसू ही आ गए, यह देख-सुनकर!
घायलों में ज्यादातर लोग पूर्वी उत्तर प्रदेश या बिहार के हैं!फिर भी उन्हें हमारे द्वारा सहयोग राशि देते देख, जो स्थानीय मरीज अस्पताल में थे,वे भी अचरज में थे कि यह तो ऐसे बात कर रहे हैं जैसे ये सब इनके गांव के,घर के ही हों!
अमृतसर की रेलवे दुर्घटना हुई हो या फिर केरल में बाढ़ हो सरकारी तंत्र के अलावा या उससे भी प्रभावी होकर प्रभावी तरीके से इस प्रकार समाज के लोगों की सेवा में सबसे पहले उतरते हैं संघ के स्वयंसेवक!
तभी तो सुप्रीमकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश कोकासुब्बाराव ने कहा था “RSS की फुल फार्म है,Ready for Selfless Service.”
मैंने बाद में वहां की शाखा की टीम को इस बात की शाबाशी दी कि उन्होंने संघ की इस सेवा परंपरा को अमृतसर में भी जारी रखा!
यही है समाज का बंधुभाव! कि एक भाई अगर पीड़ा में है तो दूसरा उसको अपनी पीड़ा समझ कर उसी भाव भावना से ही सहयोग करता है!ना की दिखावे के लिए अथवा किसी प्रकार का राजनीतिक लाभ लेने के लिए!
सेवा है यज्ञ कुंड,समिधा सम हम जलें!
धयेय,महासागर में सरित रूप हम मिले!
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