

बिल मेलिंडा गेट्स नकली हंसी व ठेठ भारतीय परिवार सुख व शांति का आधार
आज सवेरे शाखा के बाद कश्मीरी लाल जी व मैं बात कर रहे थे, की बिल गेट्स जो दुनिया का चौथा बड़ा अमीर आदमी है, उसका अपनी पत्नी मेलिंडा से तलाक हो गया है। 27 वर्ष के बाद जब वे 65 साल के हैं तो तलाक हो रहा है।
वैसे वे बिल मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन चलाते हैं जो सारी दुनिया को स्वस्थ प्रसन्न रखने का दावा करती है। अजीब बात है!
कुछ महीने पहले जैफ बेजॉस जो दुनिया के सबसे अमीर आदमी हैं, उनका भी पत्नी से तलाक हो गया। सवाल उठता है, कि इतने अमीर, इतनी प्रसिद्धि उसके बाद भी व्यक्तिगत जीवन में विफलता? आखिर क्यों? क्योंकि पश्चिमी जीवन में केवल पैसे को ही प्रमुखता दी जाती है। वहां संस्कार और संबंध यह कोई खास विषय नहीं होते।
जबकि भारतीय सोच में मनुष्य के संस्कार उसके परिवारिक व पड़ोसी, मित्रों से संबंध इसको बड़ी प्राथमिकता है। अंततः सुख कहां है?
हम अगर अपने घर में लड़ते झगड़ते रहें और बीएमडब्ल्यू कार भी हो, तो किस काम की? लेकिन हम सोचे कि कहीं हमारे व्यवहार में भी पश्चिमी सोच प्रभावी तो नहीं होती जा रही। सुखी रहना है तो अपने संस्कारों, अपनी परंपराओं अपने परिवार से जुड़कर ही रह सकते हैं। पौधा सही में तभी फलता है जब वह अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है, हाँ! धूप-छाँव तो सहनी पड़ती है।
क्या कहना है आपका?
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