देश व दुनियाभर में फैले कार्यकर्ता व सामान्य भारतीय जनता के आज 73 वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री का भाषण सुन आश्वस्त हुए। कि न केवल सरकार की गति बल्की दिशा भी स्वदेशी व परमवैभव के मार्ग की ही है।
‘लकी फॉर लोकल प्रोडक्ट्स’ की बात कह मोदी जी ने घर परिवार में स्थानीय उत्पाद याने ‘स्वदेशी ही खरीदो’ का नारा बुलंद किया।
हर जिले की विशेषता का दोहन कर निर्यात को बढ़ावा देने की सोच हमारी विकेंद्रीकरण नीति को ही स्पष्ट करता है।स्वदेशी और विकेंद्रीकरण यही दो शब्द ही तो भारतीय अर्थव्यवस्था को ठीक करने वाले हैं।
2022 तक परिवार को 15 तीर्थ स्थानों पर भ्रमण के आवाहन से भारत को टूरिज्म और उसके माध्यम से रोजगार सृजन व देशदर्शन एक नया दृष्टिकोण दिया *’विष मुक्त खेती’ याने यूरिया-रासायनिक दवाइयों से मुक्ति का आह्वान,किसानों से करके, स्वदेशी की एक बड़ी अपेक्षा को पूरा किया गया है।
लाल किले की प्राचीर से 3:30 लाख करोड़ की जल शक्ति- जल संवर्धन की योजना घोषित की हर घर में साफ पीने का पानी पहुंचाना भगीरथ के वंशज होने का स्पष्ट प्रमाण है।
देश को पांच ट्रिलीयन डॉलर वाली आर्थिक ताकत बना भारत को गरीबी मुक्त देश बनाने का स्वप्न दिखाना और फिर उसे गंगा जैसे पवित्र संकल्प बद्ध करना, आकाश से ऊंची सोच रखने की बात करना, हर स्वयंसेवक-देशभक्त को पुलकित करने वाली थी। यही है परमवैभवने का मार्ग!
…. जागे मेरा देश महान!
स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन की स्वदेशी के पाठकों को भी शुभकामनाएं।