Search
Close this search box.

कभी स्वयं था ‘बेरोजगार’… अब दे रहा है 170 लोगों को रोजगार!

3 दिन पूर्व मैं राजस्थान के जोधपुर में था! वहां के एक कार्यकर्ता निर्मल गहलोत मुझे अपने आवास पर ले गए!
वे उत्कर्ष नाम से एक बड़ा ट्यूटोरियल सेंटर चलाते हैं!
सारा देखने के पश्चात मैंने उनसे पूछा “तुम्हारे मन में यह विचार कैसे आया?कैसे प्रारंभ किया?
तो निर्मल जी ने बताया “मेरे पिताजी अध्यापक थे! और मैं पढ़ते-पढ़ते ही उनके पास आने वाले बच्चों को पढ़ाने भी लग गया! मैंने ग्रेजुएशन तो कर ली पर नियमित नौकरी कोई लगी नहीं!अतः ट्यूशन पढ़ाकर कुछ कमाने की सोची!
एक सज्जन के कोचिंग सेन्टर मे पढाने लगा।
किंतु एक दिन उस ट्यूटोरियल के मैनेजर ने कहा “हम कब तक तुम्हारा इंतजार करते?तुम्हारी जगह किसी और को रख लिया है! अब तुम्हारी,यहां आवश्यकता नहीं ! ” क्योंकि मुझे किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया था, जिसके चलते मैं 5-7 दिन तक पढ़ाने नहीं जा सका था।
मैं थोड़े दिन तो उदास रहा पर फिर निश्चय कर लिया की चाहे जो भी हो जाए मैं अपना ही ट्यूटोरियल सेंटर खड़ा करके रहूंगा ।
और मैंने अपना काम शुरू कर दिया ।
क्योंकि आदर्श विद्या मंदिर मैं अध्यापन का कार्य करने का अनुभव ले ही चुका था!
मैंने ‘उत्कर्ष प्रतियोगी परीक्षा तैयारी संस्थान’ खोला, आज मेरे पास 16000 से अधिक विद्यार्थी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं!
2 सिनेमाघरों को किराए में लेकर क्लास लगाता हूं।”
“अध्यापक व अन्य स्टाफ कितना है?” मैंने पूछा
तो निर्मल जी बोले “लगभग 70 अध्यापक हैं,व टेक्निकल और नॉन टेक्निकल मिलाकर 100 अन्य कर्मचारी हैं”
यह सुनकर मैं आश्चर्य में आ गया!
क्लास रूम पढ़ाई मे महारत हासिल करने के बाद आज निर्मल जी ने सोशल मीडिया का भी बड़ा उपयोग शुरू किया है!
उनके YouTube चैनल, फेसबुक पेज को लाखों लोगों ने सब्सक्राइब कर रखा है। इसके लिए उन्होंने 3 स्टूडियो भी बनाए हैं ।आज देशभर में सोशल मीडिया के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के बीच विभिन्न विषय सामग्री को पहुंचा रहे हैं। अकेले यूट्यूब चैनल पर उनके 540000 सब्सक्राइबर है।
यदि वो आज किसी की नोकरी कर रहे होते तो ये उपलब्धियाँ शायद ही हासिल कर पाते।
युवाओं मे आजकल प्रचलित उद्घोष
Don’t Be Job Seeker, Be Job Provider’… निर्मल जी पर सटीक उतरता है…
जोधपुर से प्रांत संयोजक धर्मेंद्र दुबे जी द्वारा भेजी सामग्री पर आधारित~ ,’स्वदेशी- चिट्ठी’

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

YOU MIGHT ALSO ENJOY

FOLLOW US

Facebook
Twitter
LinkedIn
LinkedIn
WhatsApp
Telegram