कल जब मैं मुंबई से मदुरई जा रहा था तो एक तमिल परिवार जो मुंबई में रहता है,मेरे से कहने लगा
“मोदी ने यह जो जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया है यह बहुत जरूरी है!सेना को लगाकर आतंकवादियों को पूरी तरह कुचल देना चाहिए!”
वास्तव में जम्मू कश्मीर के प्रति इस देश के लोगों में एक आत्मीय संवेदना है!वह आतंकवाद के प्रति किसी भी प्रकार की नरमी को स्वीकार नहीं करते!
कुछ दिन पूर्व मैं मोगा गया था वहां पर 29 वर्ष पूर्व आतंकवादियों से जो अपने 25 स्वयंसेवक शहीद हुए, उनके श्रद्धांजलि कार्यक्रम में था!
वहां पर यह विषय आया “भारत को इजराइल से सीखना चाहिए! किंतु इजरायल तो नया देश है,छोटा भी है!उसे तो हमें बताना है कि कैसे वास्तव में आतंकवाद से निपटा जाता है!
क्योंकि हमें महिषासुर से लेकर रावण व अभी तक के भिंडरावाले से निबटने का बहुत अच्छा अनुभव है!
आजकल राजनीति में जीरो टॉलरेंस शब्द चलता है!जीरो टॉलरेंस नहीं प्रोएक्टिव स्ट्राइक चाहिए!
अभी 3 दिन पहले सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो जारी किए हैं!जब सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था तो सारे देश में और दुनिया भर में जो भारतीय रहते हैं,उन में खुशी की लहर दौड़ गई थी!
वास्तव में यह इसलिए भी था कि यह हमारी परंपरा के अनुकूल है!राम ने भी लंका में जाकर रावण को मारा था!
आतंकवादियों को उनके गांव में,उनके घर में घुसकर मारना,यही हमारी नीति रही हैऔर रहनी चाहिए! आतंकवादियों को यह समझ में आ जाना चाहिए की दुनिया में आतंकवाद के प्रति सबसे क्रूर अगर कोई है तो भारतीय सेना ही है!तभी इन क्रूर आतंकियों का अंत होगा!और उनके समर्थक अलगाववादी भी ठीक बोलने लगेंगे!
मोदी के इस निर्णय को सारा देश ने सराहा है! गत दिनों में आतंकवादी घटनाओं ही नहीं पत्थरबाजी में भी सीधे कमी आई है!
चलते चलते जम्मू के एक कार्यकर्ता विपिन की भी सुनिए..”अरे सतीश जी,बहुत अच्छा हुआ! हमारे MLA व मंत्रियों को थोड़े दिन सामान्य कार्यकर्ता की तरह रहने का स्वभाव बन जाएगा!”
“इन्होंने दुखी ही कर रखा था! आतंकवादियों का क्या होगा,यह तो देखेंगे पर हमारे MLA व मंत्री तो बंदे बन ही जाएंगे…“…सतीश ~ ‘स्वदेशी-चिठ्ठी