जैसे ही कल राज्यसभा में 370(कश्मीर) समाप्ति का बिल पास हुआ, उससे देश के कोने कोने में खुशी की लहर दौड़ गई। सामान्य गली मोहल्लों से लेकर संसद तक में लोग आपस में ऐसे बधाइयां दे रहे थे जैसे दीवाली पर देते हों।
इससे पहले ऐसा ही देशभक्ति का उभार देखने को मिला था जिस समय पर 1999 में अटल बिहारी वाजपेई जी के समय पर परमाणु बम का विस्फोट हुआ था।और फिर ऐसी ही राष्ट्रभक्ति की लहर देखने को मिली थी जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी या फिर 4महीने पहले बालाकोट एयर स्ट्राइक हुई थी।
यह सब अपने देश की सीमाओं के प्रति, एकता अखंडता के प्रति जागरूकता का ही परिणाम है कि राजनीतिक दलों ने पार्टी लाइन से हटकर इसका समर्थन किया। उतर से लेकर दक्षिण तक की NDA के अलावा की भी कई पार्टियों ने भरपूर समर्थन किया।
वास्तव में भारत देश इसलिए सफल हो रहा है,क्योंकि सामान्य सामाजिक,धार्मिक संगठन हों या राजनीतिक दल, जब देशहित का कोई मुद्दा आता है तो सब एक स्वर में बात करने लगते हैं।
हां!यह थोड़ा दुख की बात है कि कांग्रेस का नेतृत्व बुरी तरह से हारने के बाद भी कुछ सीखा नहीं और ऐसे मुद्दे पर उल्टा रुख लेकर अलग थलग पड़ गया।
मेरा देश चल रहा है,और आगे बढ़ रहा है।
कश्मीरी लाल जी का हरियाणा में 6 दिवसीय प्रवास चल रहा है।और इसमें स्वदेशी सप्ताह, स्वदेशी एजुकेटर योजना, दत्तोपंत ठेंगडी जन्म शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की चर्चा हो रही है।
माननीय #कश्मीरीलाल जी कुरूक्षेत्र में कार्यकर्ताओं की बैठक लेते हुए।फिर लद्दाख से 34 वर्षीय युवा सांसद सरिंग नामग्याल जिसके ओजस्वी भाषण की सब तरफ प्रशंसा हो रही है।