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पधारो म्हारे देस ज़ी….!

प्रणव मुखर्जी आएंगे संघ के वर्ग में!
आख़िर सत्य खींचता ही है! पूर्व राष्ट्रपति व कांग्रेस के जीवन भर बड़े नेता रहे, श्री प्रणव मुखर्जी इस सात जून को नागपुर के तृतीय वर्ष के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर रहेंगे!
सारे देश और दुनिया में इस समाचार ने रोमांच पैदा कर दिया है!
श्री गुरुमूर्ति ने कहा है कि प्रणव मुखर्जी दूसरे सरदार पटेल हैं,यानी कांग्रेस में रहते हुए भी राष्ट्रीयत्व,देशभक्ति व हिंदुत्व के समर्थक!
वैसे जानकारी रहे,इस वर्ष प्रणव मुखर्जी फ़ाउंडेशन की स्थापना के समय पर भी प्रणव दा ने संघ के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया था! और जब वे राष्ट्रपति थे,तब भी मोहन जी भागवत को उन्होंने राष्ट्रपति भवन में भोजन पर बुलाया था! वैसे प्रणव दा ने जब स्वामी विवेकानंद 150 साला आयोजन शुरू हुआ था,उसका पहला मुख्य कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन में ही आयोजित किया था! प्रणवदा ने स्वामी विवेकानंद और हिंदुत्व पर बहुत ही उच्चतम स्तर का भाषण किया था!
संसद के ऊपर लिखा हुआ है-“सत्यमेव-जयते”!
तभी तो सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और वामपंथी विचारों के अगुआ वी के कृष्णा अय्यर भी,इसी तरह बाद में संघ समर्थक हो गये थे!
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर या फिर स्वयं महात्मा गांधी जी भी अन्तत: संघ में आए!
पुराना बौद्ध वाक्य प्रसिद्ध है…
संघम शरणम गच्छामी,
बुद्धम शरणम गच्छामी,
सत्यम शरणम गच्छामी!~’स्वदेशी-चिट्ठी’
(दो वर्ष पूर्व,राष्ट्रपति भवन में प्रणवदा से मिलने गए संघ सरसघंचालक मोहनजीभागवत)

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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