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पुराने योद्धा नई लड़ाई:

कल दिल्ली में वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट के विषय को लेकर दीनदयाल शोध संस्थान में सफल गोष्ठी हुई!
रिटेलर एसोसिएशन के प्रवीण खंडेलवाल,मुरली मनोहर जोशी जी स्वदेशी के अश्विनी महाजन,मज़दूर संघ के पवन जी व लघु उद्योग भारती के जितेंद्र गुप्ता वक्ता के नाते उपस्थित थे!
क्या यह समझौता केवल 2 कंपनियों का निजी मामला है? नहीं! वास्तव में यह भारत के चार करोड़ लोगों के रिटेल सेक्टर का आर्थिक-रोजगार का प्रश्न है!
एमेजॉन हो,वालमार्ट हो या फिर अलीबाबा,ये तीनों ही ई कॉमर्स के नाम पर भारत के मल्टी ब्रांड रिटेल पर क़ब्ज़ा करने के चक्कर में हैं!
किन्तु भारत की राष्ट्रवादी ताक़तें,इस लड़ाई को इस बार निर्णायक स्तर पर विजयी होने की दिशा में बढ़ रही हैं! ई-कॉमर्स पर अभी तक क़ानूनी प्रक्रिया नहीं बनी थी!किंतु सरकार ने कहा है कि बहुत जल्द उसका मसौदा तैयार होकर आने वाला है!यह विजय का पहला चरण होगा!देखे यह संघर्ष क्या मोड़ लेता है?
रोज़गार युक्त हो संपूर्ण हरियाणा!
इस विषय को लेकर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कार्यकर्ताओं ने दिन भर का चिंतन मंथन किया! एंटरप्रेन्योरशिप,स्वरोजगार व कृषि में मूल्य संवर्द्धन! यह त्रिकोणीय फ़ॉर्मूला, वास्तव में हरियाणा को संपूर्ण रोज़गार की राह पर ला सकता है!
एक प्रबल जनजागरण इस विषय पर समय की आवश्यकता है!ऐसा वहाँ अनुभव किया गया
~’स्वदेशी-चिट्ठी’

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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