Search
Close this search box.

बड़ी सोच,मेहनत व व्यवहार से बनो बड़े आदमी,बनो समृद्ध…!

“अरे,राजकुमार बड़े दिनों में दिखे हो! घर में सब ठीक है? काम वगैरह ठीक है न?” दिल्ली स्वदेशी कार्यालय से आज जब इलैक्ट्रीशियन राजकुमार निकल रहा था,तो मैने उसे रोकते हुए पूछा!
“हां सर! सब ठीक है!आपका आशीर्वाद है!”
“अच्छा जरा,अपने बारे बताओ तो?”मेरी उत्सुक्ता थी!
“सर, क्या बताऊं? बहुत छोटा था,जब लखनऊ से दिल्ली में आया!बचपन में ही माता पिता की मृत्यु हो गई! चाचा ने पाला!10वीं तक पढ़ते-पढ़ते बिजली फिटिंग के काम में चाचा के साथ,हाथ बंटाता रहा!सीखता भी रहा!”
“फिर मुझे पता चला कि बसंत विहार आर्य समाज वाले इलैक्ट्रीशियन का एक साल का कोर्स कराते हैं! मैने वह कर लिया! मेरे पास सर्टिफिकेट होने से कुछ समय बाद एक कान्ट्रेक्टर के माध्यम से ग्रीस ऐम्बैसी में लग गया!6 साल हो गए! अच्छा चल रहा है!”
“कुल मिलाकर कितना महीने का कमा लेते हो?” मैने पूछा!
“एम्बैसी से 13000₹ मिल जाता है!4000₹यहां स्वदेशी से और 4-4500₹ बाकि प्राइवेट काम से बन जाता है!” वह आत्मविश्वास से बोला!
फिर मैने पूछा “यह नये प्रकार का भी काम कर लेते हो? और कमाई दुगनी करने याने 40-42000₹ मासिक कमाने की भी सोचते हो कभी?”
“सर!काम तो हर प्रकार का कर लेता हूं! अधिक कमाने की भी सोचता हूं!पर कैसे समझ नहीं आता!” उसके चेहरे पर उत्साही जिग्यासा देख,
मैने कहा “असल में राजकुमार,तूने गहरे से सोचा नहीं! जरा बड़ा सोचो!मेहनती तो तू है ही,काम भी पूरा जानता है! बस पहली बात तो यह कि पक्का ठान ले,कि अगले साल तक कमाई दुगनी करनी है! दिन-रात यही सोचो! थोड़ा व्यवहार अधिक मधुर बनाओ! केवल फिटिंग नहीं,उसके साथ प्रेस,वाशिंग मशीन आदि के नये काम करना भी शुरू कर सकते हो! थोड़ा दिमाग लगाओ…बात बन जाएगी!”
“सर मैं करूंगा!” उसने पैर छूने की कोशिश की,मैने मना किया! उसकी आंखो की चमक देख मैं समझ गया, बात बन गयी है!
“मुझे विश्वास है,तुम बडे आदमी जरूर बनोगे! मैं अगले साल तुम्हारे मुंह से नयी कहानी सुनूंगा!” मैने विश्वास पूर्वक कह,उसको तो विदा किया!
और वहीं मंदिर के पीछे मन ही मन प्रार्थना की “हे,प्रभु!इस देश के युवक-युवतियों को बड़ा सोचने की शक्ति दो! वे बड़ा सोचेंगे तो बड़े बनेंगे भी! और तभी यह देश भी महान बन पाएगा! जो दुनिया का नेतृत्व करने की अनिवार्य शर्त भी है!
~सतीश- – ‘स्वदेशी-चिट्ठी’
राजकुमार के साथ दिल्ली स्वदेशी कार्यालय में बात करते हुए मैं व हरियाणा में भिवानी व पंजाब के जालंधर में स्वदेशी टीम से चर्चा !

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

YOU MIGHT ALSO ENJOY

FOLLOW US

Facebook
Twitter
LinkedIn
LinkedIn
WhatsApp
Telegram