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बास्केट बनाने का बिजनेस

भारत में बास्केट बनाने का व्यवसाय प्राचीन काल से चला आ रहा है, जहां इसे एक पारंपरिक कला के रूप में विकसित किया गया था।

बांस, सरकंडा, और खजूर की पत्तियों जैसे प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करके बास्केट्स का निर्माण किया जाता था, जो दैनिक जीवन में आवश्यक वस्तुओं के भंडारण और परिवहन के लिए इस्तेमाल होती थीं।

विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, यह कला पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती रही है। आज भी, बास्केट बनाने की यह परंपरा जीवित है, और इसे हस्तशिल्प उत्पादों के रूप में स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेचा जाता है, जो आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है।

बास्केट बनाने का बिजनेस एक रचनात्मक और लाभदायक व्यवसाय हो सकता है, खासकर यदि आप हस्तनिर्मित और अनोखे डिजाइन पेश करते हैं। आप विभिन्न प्रकार की बास्केट्स बना सकते हैं, जो विभिन्न अवसरों और आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त हों सकती है।

बास्केट बनाने का व्यवसाय एक हस्तशिल्प उद्योग का हिस्सा है, जो विभिन्न सामग्रियों जैसे कि बांस, जूट, रतन, कपड़ा, और प्लास्टिक का उपयोग करके बास्केट्स बनाने पर केंद्रित है। यह व्यवसाय रचनात्मकता और कलात्मकता के साथ-साथ व्यवसायिक समझ की मांग करता है। बास्केट्स का उपयोग घर की सजावट, गिफ्टिंग, स्टोरेज, और अन्य कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जो इसे एक बहुउद्देश्यीय उत्पाद बनाता है।

1.स्थान

इस व्यवसाय की शुरुआत आप अपने घर के एक कमरे से कर सकते हैं जिसमें सारा सेटअप कर सकते है और 100 से 300 वर्ग फुट का स्थान आवश्यक सामग्री के लिए पर्याप्त होगा जिससे अतरिक्त सेटअप का खर्च भी बचाया जा सकता है और आसानी अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं।

2. रॉ मटेरियल

1.बांस
2.रतन
3.जूट, प्लास्टिक
4. धागे एवं सजावट सामग्री जैसे रिबन, बीड्स, और कपड़ा इत्यादि।

3.उपकरण

1.कैंची
2 बुनाई की सुई
3.चाकू,डिजाइनिंग टूल्स
4. गोंद, और सिलाई मशीन (यदि कपड़े की बास्केट्स बनानी हों)

4. बास्केट के प्रकार

1.डेकोरेटिव बास्केट्स: शादी, जन्मदिन, त्योहारों के लिए सजावटी बास्केट्स।
2.स्टोरेज बास्केट्स: कपड़े, खिलौने, किताबें, आदि रखने के लिए स्टोरेज बास्केट्स।
3.गिफ्ट बास्केट्स: उपहार देने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई बास्केट्स।
4.पिकनिक बास्केट्स: आउटडोर उपयोग के लिए मजबूत और स्टाइलिश बास्केट्स।
5.फ्रूट और वेजिटेबल बास्केट्स: दैनिक उपयोग के लिए आकर्षक और टिकाऊ बास्केट्स।

5.पंजीकरण

इस व्यवसाय की शुरूआत करने के लिए किसी भी प्रकार के लाइसेंस या पंजीकरण की आवश्यकता नहीं पड़ती है लेकिन फिर भी आप अपने नजदीकी उद्योग विभाग में अपने व्यवसाय की जानकारी दे सकते हैं।

6.लागत

बास्केट के व्यवसाय को आप बहुत ही कम निवेश में शुरू करना चाहते है तो आप शुरू मात्र 5 से 8 हजार रुपए तक का निवेश करके अपने घर से कर सकते हैं।
यदि आप किसी बाजार में किराये पर जमीन लेकर और थोड़ा मैंने पावर की सहायता से कम निवेश करके अच्छी शुरुआत करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 35 हजार से 1 लाख रुपये तक का निवेश करना होगा।

7.फायदे

इस व्यवसाय को शुरू करके आसानी से हर महीने 15 से 25 हजार रूपये कमा सकते है जैसे-जैसे आप का व्यवसाय बढ़ता जायेगा फायदे भी निरंतर बढ़ता जायेगा।

8.मार्केटिंग

आप अपने स्थानीय मार्केट जैसे- शॉपिंग मॉल्स, और फेयर में अपने बास्केट्स में सैंपल के रूप दिखा सकते है।

1.ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे- Amazon ,Flipkart meesho एवं snapdil का उपयोग करके बास्केट को बेच सकते हैं।

2.सोशल मीडिया जैसे- फेसबुक, इंस्टाग्राम,टेलीग्राम, इत्यादि के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।

बास्केट बनाने का बिजनेस उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है जो रचनात्मकता और हस्तशिल्प में रुचि रखते हैं। सही योजना, गुणवत्ता पर ध्यान, और प्रभावी मार्केटिंग से आप इस व्यवसाय को सफलतापूर्वक चला सकते हैं और एक स्थायी ग्राहक आधार बना सकते हैं

थोक मूल्य पर आवश्यक सामग्री कहा से प्राप्त करें
आप अपने नजदीकी मार्केट में थोक विक्रेताओं के पास और इंडिया मार्ट जैसे ऑनलाइन बेबसाइट के माध्यम से आवश्यक सामग्री मगवा सकते है।

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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