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भारत में उद्यमिता का होने लगा सूर्योदय!

यूरोप और अमेरिका से भारतीय मूल के उद्यमी, भारत के विकास की गति को देखते हुए ,भारत में व्यवसाय स्थापित करने के लिए आ रहे है l भारत में बढ़ती अर्थव्यवस्था इसका प्रमुख कारण है।
आज के द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार जो युवा अमेरिका और यूरोप का रुख करते थे वह आज अपना भविष्य भारत में देख रहे हैं। स्वाबलंबी भारत अभियान के संरक्षक पद्मश्री श्रीधर बैंबू जी ही अपनी कंपनी जोहो कॉर्पोरेशन को भारत नहीं लाए,अब अन्य अनेक युवा भी ऐसा कर रहे हैं। सिंगापुर से नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज के सह संस्थापक श्री सौरभ श्रीवास्तव ने आज ही द हिन्दू की रिपोर्ट में कहा,आज भारत के बाजारों ने हर क्षेत्र में सफलता हासिल की है,आज भारत में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा से लेकर अंतरिक्ष के क्षेत्र तक भारत का आधार भूत ढांचा विश्व स्तर पर प्रथम श्रेणी का बनने के लिए तैयार है l
भारत के युवा यहां का बाजार अपने हाथों में ले रहे हैं और भारतीय मूल के लोग विदेशों से पुनः भारत का रुख कर रहे हैं l जिससे भारत में रोजगार के अवसर तो बड़ेंगे ही साथ ही अर्थव्यवस्था भी गति पकड़ेगी l विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोग जो वहां अपनी कंपनिया चला रहे हैं अथवा किसी मल्टीनेशनल कंपनियों में काम कर रहे हैं उनमें से कई लोगों ने भारत में अपना उद्यम स्थापित करने की तयारी कर ली है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था व कार्य सुविधा लगातार उत्तमता की और बढ़ रही है,और लाभ के अवसर भी बड़ रहे हैं हैं l आज भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.5% पर हैं,प्रमुख देशों में सबसे अधिकl
भारतीय उद्यमी हो या वैज्ञानिक सभी ने चहुओर विश्वभर में भारत की जय जय कार करा दी है:~ सतीश कुमार
विभिन्न प्रांतों में हुए स्वावलंबी भारत अभियान

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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