अपने हरियाणा प्रवास के दूसरे दिन कल मैं फ़रीदाबाद पहुँचा! वहाँ मानव रचना विश्वविद्यालय में रोजगार,स्वदेशी पथ पर बोलते हुए मैंने जब युवा उद्यमियों के उदाहरण दिए तो बाद में वहाँ की Pro VC मीनाक्षी जी ने अपने दो विद्यार्थियों के बारे जो बताया मैं सुनकर आश्चर्य में पड़ गया!
वे बोलीं “हमारे यहाँ Bsc. 1st year में दो भाई पढ़ते हैं युवराज व यशराज! वे अभी 18 वर्ष के हैं पर वे 4करोड रूपये से अधिक की workolab’ कंपनी चला रहे हैं! जिसमें 25 नये Start Up विशेषकर innovation और R&D क्षेत्र के! यह भारत में अपने आप में नया प्रयोग है! मैंने पूछा “इतनी छोटी उम्र में यह कैसे संभव है?” तो वे बोलीं “ वो तो 11वर्ष की आयु में ही मोबाईल की विभिन्न App का प्रयोग नई Research के लिए करना शुरू कर दिया था! केवल 9000रू. में और वे भी जो उन्होंने science fair में जाकर कमाए थे,से अपना पहला पेटेन्ट रजिस्टर करवाया! अमेरिका के न्यूयार्क में हुई एक Research प्रतियोगिता में एक लाख डालर का ईनाम दो साल पहले जीत कर आए थे..”
उनकी सारी बातें सुनकर मैं सोचने लगा “ हमारे बच्चे दुनिया के श्रेष्ठतम हैं ही…वे फ़ेसबुक निर्माता मार्कजुकरबर्ग(17साल मे ही बनाया) और दुनिया के तीसरे अमीर वार्नबफ़ेट जो 14 साल में ही कमाने लगे थे,से ज़रा भी कम नहीं हैं! थोड़ा प्रोत्साहन व दिशा,इन बच्चों का ही नहीं,देश का भी भविष्य उज्जवल कर देगा!भारत की समृद्धि व पूर्ण रोजगार का यही राजमार्ग है..आप भी इस पर चल रहे हैं क्या?”
( मानव रचना विश्वविद्यालय फ़रीदाबाद में बोलते हुए, विद्यार्थीयों से अच्छे प्रश्नोत्तर भी हुए)