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शाबाश! सरपंच श्रवण डारा व ग्रामवासी युवक!

कुछ दिन पहले मैंने राजस्थान,बीकानेर जिले के खाजूवाला ब्लॉक की ग्राम पंचायत 14 बीडी वाला के बारे में सुना,तो मेरी जिज्ञासा हुई!और मैंने बीकानेर के अपने कार्यकर्ता मधुसूदन जी व अनिल शुक्ला जी से इस सब के बारे में सुनिश्चित कराया!
किसी ग्रामीण पंचायत का विकास कैसे किया जाता है? इसका एक सटीक उदाहरण है,गाँव 14 बी.डी.वाला!
यहां वाल टू वाल ब्लॉक सड़कें बनी है!साफ-सुथरी पंचायत है,और बड़ी बात है ग्रामीणों की इस विकास में भागीदारी है!सरपंच सबको लेकर चलते हैं!
सीमा जागरण के कार्यकर्ता जो उसी गांव में रहते हैं, जयप्रकाश ने कहा “यहां सब ने मिल जुलकर, देखने लायक परिवर्तन किया है”
भारत-पाक सीमा पर स्थित 504 घरों का यह गांव है!
2650 कुल आबादी है!जिला केंद्र से 132 कि:मी:दूर है!
किंतु उसमें चार जगह प्याऊ लगे हैं,वह भी वाटर फिल्टर व कूलर युक्त! पंचायत में सोलर सिस्टम लगा है! हर घर में शौचालय है!सब निर्णय सामूहिक रूप से गांव में होते हैं! कचरे से खाद बनाने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है!ग्राम पंचायत कार्यालय को देखकर शहरी कार्यालय वाले भी शर्मा जाएं, ऐसा!
पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने PURA का कंसेप्ट दिया था!यानी प्रोवाइडिंगअर्बन फैसिलिटी टू रूरल एरिया!शायद वह सपना साकार कर दिखाया है इस ग्राम पंचायत ने!
देश की सभी ढाई लाख पंचायतें भी इसी तरीके से सोचें तो देश को परिवर्तन होने में देर नहीं लगेगी!
मेरा गाँव(देश)चल रहा है,
और आगे बढ़ रहा है!
~’स्वदेशी-चिट्ठी’

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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