कल भारत के बीएसएफ और पुलिस के जवानों ने एक अद्भुत शौर्य प्रकट किया, जब छत्तीसगढ़ के जंगलों में 29 माओवादी आतंकियों को मार गिराया। यह आज तक के इतिहास की नक्सली आतंकियों को मार गिराने की सबसे बड़ी उपलब्धि (ऑपरेशन) हुआ है। इसके प्रमुख केवट पहले भी 44 नक्सली आतंकियों को मार चुके हैं।
कुछ दिन पूर्व ही उन्हें गृह मंत्रालय से पक्की और स्पष्ट सूचना मिली कि 30 आतंकवादियों की लंबी बैठक कांकेर जंगल में हो रही है। सूचना मिलने पर बीएसएफ, पुलिस के नक्सली एनकाउंटर स्पेशलिस्ट फोर्स ने योजना की।
200 जवानों को साथ लेकर आतंकियों के बैठक स्थल को जा घेरा। इस बात का ध्यान रखा की माओवादी जिन्हें उन जंगलों में पत्ता फड़कने पर भी जानकारी मिल जाती है, अपनी फोर्स मूवमेंट से अनजान रहें। दोपहर को जब वे भोजन करके विश्राम कर रहे थे और इधर 20 घंटे लगातार जवान रेंगते हुए उनके नजदीक 300 मीटर तक पहुंच गए। तब उन्हें पता चला कि वह घिर गए हैं।
आतंकियों ने गोली चलाई, दो जवान घायल हुए कमांडर केवट घबराएं नहीं और उन्होंने तेजी से फायर करवाना, आगे बढ़ना शुरू किया। जंगल के वृक्षों और पत्थरों की ओट में अपने जवान लगातार फायर करते धीरे धीरे आगे बढ़ते रहे।लगभग 4 घंटे चले ऑपरेशन में प्रमुख तीन आतंकी जिन पर ₹25-25 लाख का इनाम था सहित 29 आतंकवादी मारे गए।
…और अपनी विजयी सेना तीन घायल साथियों को लेकर सुरक्षित अपने कैंपस्थल पर पहुंच गई। बीएसएफ व पुलिस के जवानों को शाबाशी, बधाई अभिनंदन और बड़ा सैल्यूट।~सतीश