वह अपने आप में ही महिला सशक्तिकरण का एक जीवंत उदाहरण है।
मीना जो घर से बाहर निकलकर कंस्ट्रक्शन साइटों पर सुपरवाइजर का काम करती हैं। जी हां वह है राजमिस्त्री। ऐसी जगह जहां पर केवल पुरुष ही दिखाई देते हैं।उस जगह पर जाकर अपने हुनर और दिमाग से जो स्थान मीना ने हासिल किया वह आसान नहीं था।
पहले वह हेल्पर का काम करती थी पर जब उनके मन में अपने 5 बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की इच्छा जागी तो उन्होंने अपने पति से कहा “आपको देख-देखकर मैं ज्यादातर काम सीख चुकी हूं!इसीलिए मैं भी आपकी तरह राजमिस्त्री का काम करना चाहती हूं।”
पति को भी बात जची। उसने कुछ दिन तक उसको छोटी बारीकियों के बारे में भी बताया।
फिर जो अगला काम उन्हें मिला तो दोनों ही मिस्त्री का काम करने लगे व् हेल्पर(मजदूर) 2 अपने साथ रख लिए।
और आज वह अपनी मेहनत लगन और हिम्मत से अपने बच्चों को खुद पढ़ाने में सक्षम है!काम की क्वालिटी में कोई भी कमी ना होने के कारण सभी उनके काम से बहुत खुश रहते हैं l
वह दिल्ली के हरिनगर में ही रहती हैं l
~ऋचा- – ‘स्वदेशी-चिट्टी