क्या भारत फिर अखण्ड हो सकता है?
केरल-बाढ में कौन सेवा और कौन राजनीति कर रहा है?
जन्मदिन मनाने का कितना औचित्य है?
आज दिल्ली में ‘हमारा अपना परिवार’ द्वारा आयोजित रक्षाबंधन पर कार्यक्रम में 125 बंधु-भगिनीयों के बीच बोलना था! मैने पूछा “कितनों को पता है कि भारत के पांच प्रांत,23% भूभाग हमारे से काटकर अलग कर दिए गए?
कितनों को पता है कि 10 लाख लोग 1947 की हिंसा में मारे गए,लाखों घायल हुए,दुनिया के इतिहास का सबसे बडा व सबसे दुखदायी विस्थापन हुआ?
और कितनों को विश्वास है कि यदि संकल्प से काम लें तो इस्रायल की तरह हम भी अपनी खोई भूमि फिर से प्राप्त कर सकते हैं?
फेसबुक के बंधु भगिनी भी उत्तर दें!
केरल में सेवाभारती के बैनर पर 10’000से अधिक स्वयंसेवक सहायता में लगे हैं! देशभर से सहायता एकत्र की जा रही है!एक स्वयंसेवक सहायता करते करते शहीद भी हुआ है!
जबकि कम्युनिस्ट मुख्यमंत्रि विजयन ने झूठी खबर को ही ट्वीट कर दिया कि UAE से 700करोड की मदद आ रही है! और उनके कार्यकर्ता लगें हैं,अरब शेख को धन्वाद के होर्डिंग लगाने में! हे राम! इन्हें क्षमा करना,वे नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं?
आज रक्षाबंधन के दिन जन्मदिन भी होता है!दो दिन से बधाई व शुभकामनाएं बरस रही हैं! सबका बहुत-बहुत धन्यवाद!
पर एक बात मैं सोच रहा था कि मेरा जन्मदिन आया तो इसमें मैने कौन सा तीर मारा? जो बधाईयों का ढेर लगा दिया भाई लोगों ने?
मेरे हिसाब से,या तो बच्चों या महापुरूषों का जन्मदिन मनाया जाना चाहिए! न मैं बच्चा न मैं महापुरूष! अपन तो सामान्य स्वदेशी कार्यकर्ता! तो कितना औचित्य, सोचें आप भी?
आज, कार्यक्रम में रक्षाबंधन और अखन्ड भारत पर बोलते हुए,अच्छे श्रोता, कार्यालय पर सरोजदा के साथ राखी हेतू आए परिवार के लोग व कार्यकर्ता! केरल में अदापुप्पम में सेवा हेतू स्वयंसेवकों का समूह!
~सतीश- ‘स्वदेशी-चिट्ठी’