गाय के गोबर से पेंट का व्यवसाय

भारत एक धर्म प्रधान देश है जहां विभिन्न देवी-देवताओं के साथ पशु पक्षियों की भी पूजा की जाती है। गाय को भारत में माता का दर्जा मिला हुआ है। गाय के दूध, गोबर आदि न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी विशेष महत्वपूर्ण हैं। गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है।

गाय के गोबर में एंटी अव्यवहारिक गुण होने के कारण उसे जमीन और दीवारों को लेपने और स्वच्छता के उपयोग में लिया जाता है।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा यह प्राकृतिक पेंट बनाया गया है। इससे भारत आत्मनिर्भर बनने की राह में एक कदम आगे बढ़ बढ़ रहा है। साथ में गांव के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। गाय के गोबर के प्रयोग से अलग-अलग तरह के लघु उद्योगों को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

गाय के गोबर से पेंट बनाने का व्यवसाय एक नवाचारी, पर्यावरण-संवेदनशील और लाभकारी विचार है जो भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के साथ-साथ पर्यावरणीय संकट को कम करने में सहायक सिद्ध हो सकता है। यह व्यवसाय न केवल गाँव और छोटे शहरों में रोजगार के अवसर उत्पन्न करता है बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

बाजार में संभावनाए

गाय के गोबर से पेंट बनाने का विचार न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। पेंट उद्योग में वर्तमान में केमिकल आधारित पेंट्स का वर्चस्व है जो पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। इसके विपरीत गोबर से बने पेंट में प्राकृतिक तत्वों का प्रयोग होता है जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाता है।

इस पेंट का मुख्य उपयोग दीवारों, लकड़ी, और लोहे के उत्पादों की पेंटिंग में किया जा सकता है। इसके साथ ही यह ऐंटीबैक्टीरियल और ऐंटीफंगल गुणों से युक्त होता है जो दीवारों पर फंगस और कीटाणुओं को नहीं पनपने देता है। इसका उपयोग घरों, स्कूलों, और कार्यालयों के इंटीरियर और एक्सटीरियर में किया जा सकता है जिससे यह एक बड़े बाजार को आकर्षित कर सकता है।

स्थान का चयन

पेंट के व्यवसाय की शुरुआत करने के लिये आपको भारी-भरकम स्थान की आवश्यकता नहीं पड़ती हैं शुरूआत में इसे स्थापित करने के लिए 20×20 वर्ग फुट का स्थान पर्याप्त होगा।

रॉ मटेरियल

गाय का गोबर
पेंट में खड़िया मिट्टी
लाइम
प्राकृतिक रंग
थिकनर
बाइंडर इत्यादि ।

मशीनरी

पेंट बनाने के लिए आवश्यक मशीनरी की आवश्यकता पड़ती है
जैसे- डबल डिस्क रिफाइनर ,ट्विन शिफ्टर मशीन ,बैग मिल मशीन, बीड मिल मशीन और रेक्ट मैटेरियल इत्यादि।

निवेश और लाभ

इस व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए 5 से 10 लाख रुपये निवेश करने पड़ सकते हैं जिसमें रॉ मटेरियल, मशीनरी और श्रम की लागत भी शामिल होती है।

डिस्टेंपर पेंट बनाने के लिए प्रति किलो 40 से 45 रुपये और लागत 16 से 20 रुपये आती है। इसलिए कुल कीमत 56 से 65 रुपये प्रति किलो होती है जिसे बाजार में 120 रुपये प्रति किलो बेचा जाता है। इस तरह के डिस्टेंपर पेंट से 55 से 65 रुपये प्रति किलो का मुनाफा कमा सकते हैं। इसी प्रकार इमल्शन पेंट बनाने का खर्चा 70 से 75 रुपये प्रति लीटर और खर्चा 16 से 20 रुपये होता है। इसी तरह इसकी कुल कीमत 86 से 95 रुपये प्रति लीटर है जो बाजार में 225 प्रति लीटर प्रति लीटर है।

मार्केटिंग

इस व्यवसाय की मार्केटिंग के लिए स्थानीय स्तर पर दुकान खोल कर प्रचार-प्रसार कर सकते हैं इसके अलावा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को जागरूक कर स्वदेशी प्रॉडक्ट की जानकारी देना और उपयोग करने के लिए प्रेरित करना साथ ही साथ डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया और इको-फ्रेंडली ब्रांडिंग के माध्यम से ग्राहकों तक पहुँचना और व्यवसाय के बारे में आसानी
से बता सकते हैं।

गोबर के पेंट से जुड़े समान और उपकरण थोक मूल्य कहा से खरीदे

दिल्ली
अग्रवाल ट्रेडिंग कंपनी
पता: सदर बाजार, नई दिल्ली
संपर्क: +91-11-23456789

आर.के. मशीनरी स्टोर्स
पता: चावड़ी बाजार
संपर्क: +91-11-23456789

महाराष्ट्र
शांति मिनरल्स
पता: मस्जिद बंदर, मुंबई
संपर्क: +91-22-23456789

गुजरात
सूरत इंडस्ट्रीज
पता: सूरत मशीनरी मार्केट, सूरत
सपर्क: +91-261-2345678

उत्तर प्रदेश
गुप्ता मिनरल सप्लायर्स
पता- कानपुर
संपर्क: +91-512-2345678

मध्य प्रदेश
मालवा ट्रेडिंग कंपनी
पता- इन्दौर
संपर्क: +91-731-2345678

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *