आज भारत के विदेश सचिव विक्रम मिश्री बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचे। उन्होंने वहां पर अंतरिम सरकार के साथ व्यापार व सांस्कृतिक सहयोग के विषय में बातचीत की। बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद, वहां की सरकार के स्तर की यह पहली वार्ता है।
उन्होंने वहां पर हिंदुओं पर हो रहे हमलो का विषय भी उठाया और तुरंत मंदिरों व अन्य हिंदू संस्थाओं की रक्षा की बात कही।
भारत-बांग्लादेश के बीच में जो व्यापार है वह प्रति वर्ष 10 अरब डॉलर का भारत को लाभ देने वाला है। इसलिए हमें हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का विषय तो उठाना चाहिए पर बांग्लादेश बायकाट का विषय यह हमारे हित में नहीं। वैसे भी हमारी लड़ाई बांग्लादेश की वर्तमान सरकार चला रहे कुछ कट्टरपंथी नेताओं से है, सामान्य बांग्लादेशी जनता, जो कि मोटे तौर पर भारत समर्थक है, उसको अपने विरुद्ध नहीं करना चाहिए।
इसलिए बांग्लादेश के बारे में जब बात करनी तो सावधानी रखनी है। हम अनजाने में उनके हाथों का खिलौना न बन जाएं जो वास्तव में बांग्लादेश को एक और पाकिस्तान बनाने पर तुले हैं। विदेश नीति कूटनीति से चलती है,भावावेश से नहीं। सावधान भारत..सजग भारत।~सतीश
गत दिनों में गीता जयंती कुरुक्षेत्र के कार्यक्रम में।बालाघाट स्वदेशी मेले का वीडियो भैया जी जोशी व मुख्यमंत्री मोहन यादव। विदेश सचिव की विक्रम मिसरी के साथ बांग्लादेश के विदेश सचिव तोहिद हुसैन।