फाइल फोटो
भारत की अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी दर्ज की जा रही है और भारत अब मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ बढ़ रहा है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के सामने आने के बाद देश की अर्थव्यवस्था में तेज सुधार दर्ज किया जा रहा है.
पीयूष गोयल ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की तरफ कदम आगे बढ़ा रहा है. इसके साथ ही अब ग्लोबल इकनामी में भारत की भूमिका भी महत्वपूर्ण होने जा रही है.” इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पीयूष गोयल ने यह बात कही है.
गोयल ने कहा कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का सपना माइक्रो स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज के इकोसिस्टम को मजबूत किए बिना संभव नहीं है. पीयूष गोयल के इन्हीं विचारों को सपोर्ट करते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की मदद से काफी तरक्की की है और यह भारत के उद्योग जगत के लिए गेमचेंजर की तरह काम कर सकता है. ठाकुर ने कहा कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम से देश की अर्थव्यवस्था को काफी मदद मिलने की उम्मीद है. जिन सेक्टर ने इसका फायदा उठाया है उन सेक्टर में ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट, टेलीकॉम, फार्मा, स्टील, टेक्सटाइल और फूड प्रोडक्ट्स आदि शामिल है.
ठाकुर ने कहा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा दिए जाने की वजह से देश में एक बेहतरीन मैन्युफैक्चरिंग इको सिस्टम बनाने में मदद मिल रही है. इससे ना सिर्फ ग्लोबल सप्लाई चैन के साथ इंटीग्रेशन बढ़ रहा है बल्कि एमएसएमई सेक्टर के साथ भी संबंध बन रहा है. इकनॉमिक सस्टेनेबिलिटी नाम के थीम पर इस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि भारत की जीडीपी में रिकवरी की इस अवधि ने कारोबार के नए तरीके ढूंढने के मौके दिए हैं. गोयल ने कहा, “अब भारत में आर्थिक रिकवरी शुरू हो चुकी है, हमने अपने कारोबारियों को रीडिजाइन, रिइन्वेंट, री अलाइन करने के मौके उपलब्ध कराए हैं. इस प्रक्रिया में हमारी योजनाओं ने सस्टेनेबिलिटी पर बहुत बड़ा काम किया है. इससे भारत के कारोबारी बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकेंगे.”
Source Link: Economic Times
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