Search
Close this search box.

आओ टाटा!…आपका,आपके घर में स्वागत है!!

आज मैने जैसे ही सवेरे अखबार उठाई तो देखा मीडिया में एक बात छायी है की रतन टाटा 24 जुलाई को सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ मुम्बई में अपने एक सेवा केंद्र पर आयेंगे!
गत मास जब प्रणव मुखर्जी नागपुर आये थे, तब भी मिडिया में बहुत शोर हुआ था।
असल में क्या है,की मिडिया को संघ व विचार परिवार की कार्यपद्धति न पता होने से वे आश्चर्य में हैं, कि ये क्या हो रहा है?कोई कहता है संघ ने बड़ी छलांग लगाना शुरू किया है तो कोई इसे मोदी या बीजेपी के उभार से जोड़ने लगता है… पर सचाई क्या है?
संघ व अपने अन्य संघठन सदा ही समाज के अछे योग्य व्यक्तियों को अपने यहाँ बुलाते रहे हैं!यहाँ तक की स्वदेशी जागरण मंच के प्रथम संयोजक म:ग:बोकरे जो नागपुर विश्वविद्यालय के VC थे, किन्तु बड़े मार्क्सवादी विचारक थे। ठेंगडी जी उन्हें ले आये। प्रेम से, वैचारिक सत्यता से…!
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, जयप्रकाश नारायण यहाँ तक की गांधी जी स्वयं संघ के कार्यक्रमों में आ चुके हैं…
तो हम संघ वालों के लिए रतन टाटा का आना तो कोई नयी बात नहीं…बेचारे मीडिया वाले या संघ, स्वदेशी का विरोध के लिये विरोध करने वाले ही परेशान व हतप्रभ हैं..होते रहो, अब तुम्हें पूछता ही कोन है..?जय हो!
टाटा, भारत की शान…टाटा भारत के सबसे बड़े उद्योगपति हैं, बात केवल इतनी नहीं है, बल्कि टाटा उद्योग ने मूल्य आधारित उद्योग समूह खड़ा किया!
इसके कारन भारत के प्रत्येक नागरिक के मन में जो आस्था,विश्वास व सम्मान टाटा के प्रति है वह और किसी उद्योगपति के बारे में नहीं दीखता..!
2006 में जब मुम्बई में आतंकी हमला हुआ था तो टाटा ने केवल अपने होटल में मारे गए लोगों,कर्मचारियों को ही सहायता नहीं दी बल्कि उस हमले में कहीं भी, कोई भी मारा गया या घायल हुआ उन सबकी भरपूर सहायता की। उनके बच्चों की आजीवन पढ़ाई का खर्च भी देता है!
देश को टाटा पे नाज़ है, देश को संघ पे नाज़ है… संघ और टाटा को अपने इस देश पे नाज़ है…वन्देमातरम!
विश्व में गूंजे हमारी भारती..
जन जन उतारे आरती,
धन्य देश महान… धन्य हिन्दुस्तान..!
~सतीश– ‘स्वदेशी-चिट्ठी’

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

YOU MIGHT ALSO ENJOY

FOLLOW US

Facebook
Twitter
LinkedIn
LinkedIn
WhatsApp
Telegram