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केरल बाढ़ पीड़ितों की सहायता में जुटा देश स्वदेशी कार्यकर्त्ता भी भेज रहे सहयोग…!

“आज जब मैं कार्यालय पहुंचा,तो मेरी भेंट श्री सरोज दा, जिनको हम सम्मान से दादा बोलते है, से हुई।
दादा ने मुझे कहा “सूरज, केरल में बहुत बड़ी प्राकृतिक आपदा हुई है, इस पर हमें (स्वदेशी जागरण मंच) भी सहायता करनी है!”
और उन्होंने मुझे एक अपील तैयार करने को कहा। अपील बनाते समय दादा मेरे साथ आ बैठे और बोले “आज सवेरे हम कार्यालय पर चाय के समय की चर्चा कर रहे थे। तो बात करते हुए विषय निकला, की केरल में बाढ़ पीड़ितों के लिए संघ के सरकार्यवाह जी की अपील तो आई है, और केरल में संघ के कोई 10000 कार्यकर्ता, जिनमें स्वदेशी के भी हैं सहायता में लगे भी हैं। पर देश भर के स्वदेशी कार्यकर्ताओं ने भी धन आदि एकत्र कर भेजना चाहिये।”
मै अपील बनाता रहा और सरोजदा बताते रहे…
“यह चर्चा पूरी होते ही मैने अरुन ओझा जी,कश्मीरी लालजी व मंच की केंद्रीय टोली से इस चर्चा की बात की, तो सभी ने स्वीकृति दी। केंद्रीय टोली ने कहा कि इस अपील से जो सहायता राशि एकत्रित होगी उसको केरल- सेवा भारती (पीड़ितों की बाढ़ में मदद करने के लिए तय किया गया संगठन तंत्र) को सीधे भेजेंगे।”
इसके बाद उन्होंने कहा “यह अपील स्वदेशी जागरण मंच के समस्त कार्यकर्ताओं तक पहुंचनी चाहिए। हमारी पुरानी परंपरा है, जब कारगिल युद्ध हुआ तो श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगडी ने मजदूर संघ,किसान संघ,स्वदेशी सबको निर्देश दिया की युद्ध के समय कोई आंदोलन ना करते हुए सरकार व सेना को सहयोग करो!”
यही बात हम अब भी करेंगे जिससे अधिक से अधिक सहायता केरल के आपदाग्रस्त नागरिकों तक पहुंचा सकें!”
चिट्ठी बन कर तयार हुई, जिसके अनुसार बैंक आफ इंडिया के मलाई मंदिर दिल्ली की ब्रांच जिसका A/C name Swadeshi Jagaran Foundation A/c No.602510110012706, IFSC: BKID0006025 दिया है पर राशि भेज सकते हैं..
“गरीब,पीड़ित वंचितों की सेवा यह कोई उपकार नहीं बल्कि राष्ट्रीय कर्तव्य होता है!”-प:दीनदयाल उपाध्याय
~सुरज भारद्वाज- -“स्वदेशी-चिट्ठी’

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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