दो दिन पहले भारत सरकार की विग्यप्ति आई…स्वदेशी जागरण मंच के पूर्व अ:भा:सहसंयोजक श्री गुरूमूर्ति व ग्राहक पंचायत के पूर्व अध्यक्ष सतीश मराठे रिजर्व बैंक के डायरेक्टर बनाए जाते हैं!
सबको पता है कि भारत का केन्द्रिय बैंक न केवल सुप्रीम कोर्ट की तरह स्वायत्तशासी है, बल्कि दुनिया में उसकी विश्वसनीयता भी सर्वोच्च है! उसके निदेशक मंडल में दो स्वदेशी कार्यकर्ताओं का बैठना…स्वदेशी की क्षमता पर देश के विश्वास की मुहर है!
कल और परसों दिल्ली के हरियाणा भवन में संघ के सहसरकारयवाह डा:कृष्णगोपाल जी के मार्गदर्शन में देश के सर्वोच्च अर्थशास्त्री एकत्र आए! किसलिए?
भारत में लघु-कुटीर उद्योगों को कैसे तेजी से आगे बढाएँ? व देश की युवाशक्ति को रोज़गार युक्त कैसे किया जाए?
इनमें थे तीन VC,Delhi school of Economics,JNU, Delhi university के प्रोफेसर,भारत के पूर्व chief statistician प्रो: T.R.s Anand, CMIE के डा: महेश व्यास,Honda corps के H.R. head.और तो और दुनिया की नामी बहुराष्ट्रीय कंपनी Earsten n young की प्रतिनिधि,और ऐसे ही अति उच्च अर्थजगत की हस्तियां हमारे भगवती जी, राजकुमार मित्तल जी,नेहरू जी के सामनें अपनी अपनी प्रस्तुति दे रहे थे!
मैं स्वयं रोमाचिंत था कि स्वदेशी आज कितने बडे दायरे से सीधे संवाद कर बेरोजगारी,गरीबी मिटाने को प्रयत्नशील है!
उधर नोयडा में परसों ही अपने कार्यकर्ता प्रो:दीपक गर्ग, भारत के सुपर कंप्यूटर के जनक प्रो:विजय भाटगर को अपनी यूनिवर्सिटी Bennet n Colman में लाकर दुनिया की सबसे नई टैक्नोलोजी Artificial Intelligence(AI)में भारत को इसमें,कैसे महाशक्ति बनाया जाए, इसका खाका बना रहे थे!
आओ,जरा गाएँ…
विश्व में गूंजे हमारी भारती
जन जन उतारे आरती…
धन्य देश महान, धन्य हिन्दुस्तान..
~सतीश—‘स्वदेशी-चिट्ठी’
रोजगार पर कार्यशाला में चिंतन करते कृष्णगोपालजी व अन्य,प्रो:दीपक गर्ग व प्रो:विजय भाटगर..अखबार में गुरूमूर्तिजी,सतीश मराठे!
(4 वर्ष पूर्व लिखी चिठ्ठी)