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जबर्दस्त!! भारत के बैंकों के उत्थान हेतू., स्वदेशी कार्यकर्ताओं की बड़ी पहल!!

दिल्ली के ITC mourya पांच सितारा होटल में कल और आज एक ऐतिहासिक बैंकिंग कन्कलेव हुई! भारत के बैंक,जो इस समय बड़ी कठिनाई में हैं,उसमें से कैसे रास्ता निकाला जाए? कैसे वह आम जनों,गरीबों का सहारा बनें? कैसे लघु-कुटीर कृषि क्षेत्रों हेतू बैंक आसरा बनें?
कैसे विजयमाल्या,नीरव मोदी,चौकसे जैसे डिफाल्टरों से भविष्य में बैंको को बचाया जाए…ऐसे ही सब विषयों पर गहराई से चर्चा हुई!
यह कार्यक्रम स्वदेशी जागरण मंच द्वारा तो आयोजित नहीं था! पर करने वाले थे स्वदेशी के कार्यकर्ता ही! यह वास्तव में CEPR व नीति आयोग द्वारा किया गया! पर अपने डा:अश्वनी महाजन,डा:सुभाष शर्मा,CAअनिल शर्मा,अनिलेश महाजन,मुनिशंकर आदि ही इसके संचालक थे!
गृहराज्यमंत्री किरण रिजिजू व ABVP के संगठन मंत्री सुनील आंबेकर जी उदघाटन पर थे तो समापन के समय,रेलमंत्री पीयूष गोयल व अपने कश्मीरी लालजी थे!
नीति आयोग के मुखिया डा:राजीव कुमार, राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव,HDFC बैंक की चेयरपर्सन श्रीमति श्यामला गोपीनाथ,SBI के वाइस चेयरमैन, बैंक आफ इन्डिया के जी.पद्मनाभम सहित भारत के बैकिंग सैक्टर की लगभग सभी हस्तियां वहां मौजूद थी!
कैसे स्वदेशी दृष्टिकोण बैंको को उभार सकता है? सरकार व बैंक अधिकारी दोनों के क्या- क्या कर्तव्य होने चाहिएं? इसकी स्पष्ट चर्चा हुई!
क्नकलेव से वापिस आते हुए पुराना गीत याद आ रहा था…
दसों दिशाओं में जाँए, दल-बादल से छा जाँए..
उमड़ घुमड़ कर इस धरती को,नंदन वन सा सरसाएं!
एक सत्र को संबोधित करते स्वदेशी जागरण मंच के अ:भा:सहसंयोजक डा:अश्वनी महाजन,व समापन पर संगठक कश्मीरी लालजी!
~सतीश- ‘स्वदेशी-चिट्ठी’

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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