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त्रिमूर्ति बलिदान दिवस 23 मार्च: बहुत कम लोगों को पता है

कि भगत सिंह सुखदेव राजगुरु के खिलाफ गवाही देने वाले 419 भारतीय थे व उनके पक्ष में बोलने वाले केवल दो गवाह थे
कि सुखदेव इस क्रांतिकारी गुट के सबसे प्रमुख मेंटर यानी योजनाकार थे!इस क्रांतिकारी गुट(Hindustan socialist Republican Army)के मुखिया चंद्रशेखर आज़ाद थे व राजगुरु को छुपाने में संघ के वरिष्ठतम लोगों ने सहायता की थी!
कि भगत सिंह की फांसी के समय आयु केवल 23 वर्ष 5 महीने थी! 21 वर्ष में ही उसने सारे कार्य कर लिए थे!
कि भगत सिंह ने वीर सावरकर से लेकर गैरीबाल्डी तक के क्रांतिकारियों की जीवनी का अध्ययन किया था कोई 300 पुस्तकों का अध्ययन किया था!
कि भगत सिंह के परिवार को बहुत गरीबी का सामना करना पड़ा!यहां तक कि मुकदमे लड़ने की फीस भी नहीं जुट पा रही थी!
की भगत सिंह ने जेल के सफाई कर्मचारी को बेबे(माँ) कहा! वह अनुसूचित जाति का था और उसके हाथ की बनी रोटी खाने को ही अपनी अंतिम इच्छा बताया था!…सतीश
दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है
एक बार इस राह पर मरना सौ जन्मों के समान है
देख के वीरों की कुर्बानी अपना दिल भी डोला
मेरा रंग दे बसंती चोला…मेरा रंग दे बसंती चोला
(आज अमृतसर में युवा मोर्चा के कार्यकर्ता शहीदी दिवस मनाते हुए)

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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