कल नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समारोह में भारत के इतिहास,भारतीय संस्कृति के बारे में बोल कर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इतिहास ही रच डाला!
कल कोटा में अपनी बात चल रही थी “संघ के शिक्षा वर्ग तो गत 90 वर्षों से चल रहे हैं,पर पहली बार किसी शिक्षावर्ग के समापन को केवल देश नहीं,दुनिया भर के टेलिविज़न चैनलों ने इस तरह से लाइव टेलिकास्ट किया होगा!”
भारत की सेकुलर जमात में तो भूचाल ही आ गया है!
मेरे से राजेन्द्र जी ने जब पूछा कि वे संघ बारे कुछ नहीं बोले? तो मैनें कहा “मुखर्जी ने क्या कहा, क्या नहीं कहा,यह तो छोड़ दीजिए!उनका नागपुर आना,डॉक्टर हेडगेवार की समाधि पर पुष्प चढ़ाना व मोहन भागवत के साथ संघ के स्वयंसेवकों को संबोधन करना,यही पर्याप्त है भारत में राष्ट्रवादी विचारों की विजयघोषणा हेतू! सेकुलरों के गाल पर थप्पड़ लगाने के लिए!”
दुनिया भर में इस समय संघ के समर्थन व विरोध में बहस चल रही है!अच्छा ही है!
कुछ दिन पहले मेरे से कश्मीरी लाल जी कहने लगे “किन्तु एक बात की तरफ़ विश्व का ध्यान नहीं गया है…इतना बड़ा RSS का विराट संगठन,कैसे खड़ा हो गया है!”
“इन दिनों में सारे देश में प्रशिक्षण वर्ग चल रहे हैं!कोई 80 वर्गों में 25,000 कार्यकर्ता प्रशिक्षण ले रहे हैं!कड़ी गर्मियों के दिनों में,जब लोग घूमने ठंडे स्थान पर निकलते हैं,संघ के प्रशिक्षण वर्ग अपने कार्यकर्ताओं को तपा रहे होते हैं!
यही नहीं इसके बाद लगने वाले 7 दिवसीय प्राथमिक वर्गों में तो कोई 70 हज़ार स्वयंसेवक प्रशिक्षण लेते हैं!”
भारत नहीं दुनिया में कोई इस प्रकार के चरित्र निर्माण,देशभक्ति का सामूहिक उपक्रम यह दिखता नहीं है!आज के इस विराट संघवटवृक्ष के पीछे यही सैकड़ों स्थानों पर चल रही प्रशिक्षण की साधना है!
इन्हीं प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं ने ना केवल संघ को खड़ा किया बल्कि,भारतीय मज़दूर संघ,किसान संघ,स्वदेशी जागरण मंच,विश्व हिंदू परिषद,सेवा भारती बनवासी कल्याण आश्रम जैसे,कितने ही संगठन इन कार्यकर्ताओं ने खड़े किए हैं!
और ये स्वयंसेवक,नित्य एक ही बात बोलता है…
तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन
समर्पित चाहता हूँ,देश की धरती…
तुझे कुछ और भी दूँ….स्वदेशी-चिट्ठी