कल मेरा उदयपुर जाना हुआ,जहाँ जैव विविधता दिवस(तान्नना त्रयोदशी) मनाया गया! बहुत व्यवस्थित व बड़ा कार्यक्रम! मुख्यत: यह अपने भगवती जी ने पुन: प्रचलित करवाया है!पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से पुरखों ने इसे मेवाड़ क्षेत्र में शुरू किया!
भारत तो सदा ही प्रकृति को माता मानता आया है! पर विश्व ने उपभोग के चक्कर में वन नष्ट कर डाले..नदियाँ तालाब सुखा दिए पहाड़ खोद मारे! किन्तु आज विश्व को अपनी गल्ती समझ आ रही है तभी तो 2 वर्ष पूर्व पेरिस में विश्व के 176 राष्ट्राध्यक्ष एकत्र आए और ‘COP-2,पेरिस’ का ऐतिहासिक समझौता हुआ जिसमें सब देश कार्बन विसर्जन तेज़ी से कम करने पर सहमत हुए! पेरिस समझौते का सार है-“हम पर्यावरण पर भारत के दिखाए रास्ते पर चलेंगे!
21 जून को विश्व योगदिवस मान पहले ही संसार भारत के सामने नतमस्तक हो चुका है…भारत विश्वगुरु सिंहासन की तरफ़ तेज़ी से बढ रहा है!
“अनेक बधुंओ के सुझाव पर आज से Swadeshi Chithi -स्वदेशी चिट्ठी नाम से यह पेज सब स्वदेशी प्रेमी बंधु भगिनी व कार्यकर्ताओं को समर्पित है! इसे like करने व प्रचारित करने का काम आप सबका! क्यों?स्वदेशी विचार प्रचार में यह होमवर्क मंज़ूर है?” कोई सुझाव या आदेश हो तो अवश्य बताना! हुक्म की तामील होगी”~सतीश
होली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ…”परिवार सहित स्वस्थ रहिए प्रसन्न रहिए!”
आज का विचार: पतंग का सुन्दर संदेश ‘ऊंचे से ऊँचा उड़ो,पर सदा ज़मीन से जुड़े रहो अन्यथा गिरकर खो जाओगे’