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पूर्वोत्तर में भारत माता की जय-जयकार…!

01-September-2018
यहां आंध्र प्रदेश के एक धर्म स्थल- ‘मंत्रालयम’ में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक चल रही है।
उसमें अपने असम और ऊपर के 6 राज्य यानी पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति की ऐसी उत्साहवर्धक जानकारी आई, कि मुझे लगा आप सबको भी बताऊँ!
हम सबको मालूम है कि आसाम और ऊपर के 6 राज्य यह बांग्लादेशी घुसपैठ,ईसाई धर्मांतरण की बड़ी समस्या से गत 70-80 वर्षों से ही त्रस्त रहे हैं!
नागालैंड,मिजोरम,मणिपुर मेघालय,अरुणाचल…यह बुरी तरह से ईसाई धर्मांतरण का शिकार रहे हैं!आसाम के कई जिले मुस्लिम बहुल हो गए हैं!व त्रिपुरा में लगातार वामपंथियों की सरकार रही है!यानी यह सारा क्षेत्र भारतीयता और हिंदुत्व की दृष्टि से बहुत ही कठीनाई का क्षेत्र रहा है!
किंतु गत 40-50 वर्षों से लगातार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व अपने वैचारिक संगठनों जैसे सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, विद्यार्थी परिषद, विवेकानंद केंद्र,विद्या भारती, स्वदेशी जागरण मंच आदि के प्रयासों से आज स्थिति वहां बिल्कुल बदल गई है!
आज वहां के अपने बड़ी मात्रा में संघ के प्रचारक निकलते हैं! कुल मिलाकर 175 प्रचारक इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं!इसके अतिरिक्त 1600 पूर्णकालिक उसी मिट्टी से निकले हुए,कार्यरत हैं!
इसके अलावा भी सब संगठनों का काम बहुत तेजी से बड़ा है! यही नहीं मिजोरम को छोड़कर सभी 6 प्रांतों में भाजपा की सरकारें हो गई हैं!
कभी गुवाहाटी में 10 वर्ष पूर्व अपने लोगों ने 15 अगस्त का कार्यक्रम सार्वजनिक रूप से मनाना शुरू किया तो केवल 500 लोग आए और इस वर्ष जब 15 अगस्त को कार्यक्रम हो रहे थे तो लगता है सारा गुवाहाटी ही नहीं सारा आसाम ही सड़कों पर उतर कर 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस मना रहा था!
नागालैंड मिजोरम सब स्थानों पर भारत माता की जय,…जय हिंद, तिरंगा, हिंदुत्व इसकी बात हो रही है!
अभी अभी National Register of citizen(NRC) बनाने से 40 लाख घुसपैठियों की जो सूची सामने आई,उससे सारा आसाम खिल उठा है!त्रिपुरा में एक पुराने विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता आज मुख्यमंत्री हैं! धर्मांतरण लगभग खत्म होने को है!
इतने वर्षों से,अथक प्रयासों से,हजारों कार्यकर्ताओं,सैंकड़ों प्रचारकों की मेहनत रंग ला रही है! पूर्वोत्तर में भारत माता की जय जय कार हो रही है!
~सतीश- – ‘स्वदेशी-चिट्ठी’

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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