अपना स्वदेशी ‘रूपे’ कार्ड (डिजिटल लेन-देन कार्ड) जबदस्त सफलता प्राप्त कर रहा है। केवल 5-6 वर्षों में ही उसने डिजिटल पेमेंट में पहले से स्थापित अमेरिकन कंपनियों Mastercard व Visa को पूरी तरह पछाड़ दिया है.. और इस क्षेत्र में 60% अकेले का हिस्सेदार बन गया है…और अब यह दुनिया में भी विदेशी कार्डों को चुनौती देने लगा है।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने हाल ही में अपने भूटान और UAE के दौरे पर स्वदेशी डेबिट और क्रेडिट कार्ड ‘रूपे’ को लॉन्च किया।
2014 में NDA की सरकार बनने के बाद से ही मोदी जी ने ‘रूपे’ कार्ड को प्रोमोट करना शुरू किया। और तब से ही मास्टर कार्ड और वीजा कार्ड की नींद उड़ी हुई है।
जून 2018 में भी मास्टर कार्ड ने ट्रंप सरकार को दी शिकायत में कहा कि मोदी जी राष्ट्रवाद का हवाला देकर भारतीय कार्ड ‘रूपे’ को प्रोमोट कर रहे है।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने भी लोगो से आह्वान किया कि रूपे कार्ड का प्रयोग करना भी देश की सेवा करना है। क्योंकि कार्ड प्रयोग करने पर चार्जेज के रूप में हमारे देश का जो पैसा बाहर जा रहा था, अगर हम रूपे कार्ड का प्रयोग करेंगे तो यह पैसा हमारे देश में ही रहेगा।
इसके अलावा जितने भी जन धन योजना के तहत बैंक खाते खोले गए, सभी को रूपे कार्ड ही दिया गया।
कुछ वर्ष पहले बाजार में अमेरिकन कार्ड कंपनियों का दबदबा था। 2013 में केवल 1% कार्ड ही रूपे कार्ड थे, लेकिन आज करीब 60% कार्ड बाजार में स्वदेशी रूपे कार्ड हैं।
हालांकि बाजार में कुल लेन-देन के मामले में रूपे कार्ड का तीसरा स्थान है। लेकिन संभावना है कि अगले दो वर्षों में यह पहले स्थान पर आ जाएगा।
अपील.. विदेशी कार्ड छोड़िए.. स्वदेशी रूपे कार्ड अपनाइये.. देश को आगे बढ़ाइये!!
आज भारत सहित दुनिया के 10 देशों में रूपे कार्ड प्रचलन में है। और जैसे अन्तरिक्ष केंद्र ISRO ने दुनिया भर में भारत का मान बढ़ाया, रूपे कार्ड भी उसी तरह अपने कदम बढ़ा रहा है।
~ स्वदेशी एजुकेटर की कलम से।
३ वर्ष पूर्व लिखी चिठ्ठी