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भारत की असली पूंजी है आध्यात्मिकता, आध्यात्मिकता से निकली करुणा – सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी

18 अक्टूबर, नई दिल्ली। स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय “उद्यमिता संगम” का आयोजन अगस्त क्रांति मार्ग स्थित सिरी फोर्ट NCUI ऑडोटोरियम में किया गया। यह कार्यक्रम पूर्ण रोजगार युक्त भारत, गरीबी मुक्त भारत, समृद्धि युक्त भारत के निर्माण पर केंद्रित था। जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत उद्यमिता संगम में कहा कि का भारत के अंदर आध्यात्मिक भाव बहुत गहरा है और इस भाव से समाज के सेवा भावी लोग उद्यमिता को बढ़ावा देने को तत्पर रहते है।

भारत की परिस्थितियों में भारत का उद्यमिता का मॉडल हो, हम जहां है उसी स्थान को स्वावलंबन केंद्र की जिम्मेवारी ले और उस केंद्र पर उद्यमिता के लिए कार्य करें।

स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत उद्यमिता संगम में अ.भा. समन्वयक श्री भगवती प्रकाश शर्मा जी ने भारत की उद्यमशीलता की परंपरा, स्वदेशी उत्पादों की महत्ता और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में उद्यमिता के योगदान पर जोर दिया। इस दौरान स्वदेशी मॉडल पर आधारित व्यावसायिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए नीतियों को आकार देने की आवश्यकता पर चर्चा की गई।

स्वावलंबन और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, स्थानीय स्तर पर जिला स्वावलंबन केंद्र स्थापित करने की योजना पर भी प्रकाश डाला गया। इन केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि भारतीय उद्यमिता की नींव आध्यात्मिकता और करुणा से जुड़ी है, और इसे वैश्विक पटल पर प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर, विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने मिलकर भारत के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए आगे बढ़ने का संकल्प लिया।

तत्पश्चात स्व जा मंच के अभा सह संयोजक श्री डॉ राजकुमार मित्तल जी द्वारा लिखित जैविक उद्यमिता 37 करोड़ स्टार्टअप का देश के हिंदी एवं अंग्रेजी भाषाओं में प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

इस अवसर पर स्व जा मंच के अ.भा. संयोजक श्री आर सुंदरम जी, स्वावलंबी भारत अभियान के अ.भा. समन्वयक श्री भगवती प्रकाश शर्मा जी, SJM संगठक श्री कश्मीरी लाल जी, वनवासी कल्याण आश्रम के अभा संगठन मंत्री अतुल जोग जी, सह संगठक श्री सतीश कुमार जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अ.भा. सह संपर्क प्रमुख श्री भारत भूषण जी, अ.भा. सह समन्वयक श्री डॉ राजीव कुमार जी, श्री जितेंद्र गुप्त जी, श्री मती अर्चना मीना जी, बीजेपी राष्ट्रीय महामंत्री श्री अरुण सिंह जी ने भी विभिन्न सत्रों में संबोधित किया।

इस कार्यक्रम में विचार परिवार के संगठन लघु उद्योग भारती, सहकार भारती, ग्राहक पंचायत, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, वनवासी कल्याण आश्रम, सेवा भारती, विद्या भारती, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बीजेपी , विश्व हिंदू परिषद अन्य सहयोगी संस्थाएं जोहो कॉरपोरेशन, कनेरी मठ, गायत्री परिवार, आर्य समाज, आर्ट ऑफ लिविंग, समर्थ भारत, वक्रांगी ग्रुप, 38 अन्य उद्योग जगत के संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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