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वाह! मोबाइल निर्माण में भारत बना नंबर दो!!

इस सप्ताह भारत सरकार के नये आँकड़े आए हैं! उसके अनुसार मोबाईल खपत भारत में अमेरिका के बाद नंबर दो पर थी ही..अब manufacturing में भी नंबर दो पर आ गया है! Indian mobile association ने जो data दिया है उसके अनुसार भारत का पूर्ण निर्मित मोबाइल आयात 2014-15 में 78% प्रतिशत से घटकर 2017-18 में 18%तक आ गया है!एप्पल,जियोमी के अलावा माइक्रोमैक्स,इन्टैक्स सहित पच्चीस कंपनियां अठत्तीस इकाई लगाकार भारत में mobile निर्माण कर रही है!अभी तक वियतनाम नंबर दो पर था, हाँ चीन अभी भी नंबर एक पर बना हुआ है!2019 तक भारत में 50करोड़ मोबाईल प्रति वर्ष बनाने का लक्ष्य है,जोकि 3, लाख करोड़ रुपया की क़ीमत के होंगें!इसके कारण 15, लाख प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष नौकरियां निकलेंगी और 12, करोड़ mobile प्रति वर्ष 2020 से भारत दुनिया में निर्यात करेगा! 2014 में वैश्विक मोबाइल निर्माण में भारत का हिस्सा केवल 3%था जो अब 11% हो गया है! यद्यपि अभी भी इसके बेसिक पार्टस आयात ही करने पड़ते हैं! वैसे जानकारी के लिए दुनिया के 86%मोबाईल चीन,भारत,वियतनाम, ब्राज़ील व इन्डोनेशिया इन 5 देशों में ही बनते हैं!
कुछ दिन पहले ही स्टील के निर्माण में भी भारत ने जापान को पछाड़कर दूसरा स्थान प्राप्त कर लिया है(पहले पर अमेरिका है)मै फिर से वही गीत गुनगुना रहा था….’सुनो ग़ौर से दुनियावालो, बुरी नज़र न हम पे डालो…चाहे जितना ज़ोर लगा लो…सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी…हिंदुस्तानी’~सतीश
(नीचे पंजाब के बटाला मे स्वदेशी जागरण मंच की कार्यशाला..)

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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