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सकारात्मक वातावरण बन रहा है सिख बंधुओं में भी….

आज मैं हरियाणा के फरीदाबाद में था। वहां युवाओं और सिख बंधुओं के साथ भी मेरी एक बैठक थी।22..25 के लगभग सिख बंधु व इतने ही सहजधारी वहां थे।
मैंने पूछा की “सिक्ख बंधुओं में इस चुनाव या राष्ट्रीय मुद्दों के बारे में कैसी चर्चा है?”
सब ने अपना अपना मत रखा। ज्यादातर पॉजिटिव थे लेकिन कुछ ने यह भी बताया कि वहां समाज मैं कैसा नेग्टीव नॉरेटिव गड़ा जाता रहा है।”
जब उन्हें बताया गया कि इस सरकार में कितनी बड़ी योजनाएं सिख बंधुओं के लिए भी हुई है। करतारपुर कॉरिडोर खोलने से लेकर यमुनानगर में हॉस्पिटल का नाम गुरू तेग बहादुर जी के नाम तक, वीर बाल दिवस मनाने से लेकर अफगानिस्तान से सिक्ख बंधुओं व गुरु ग्रंथ साहब को पूरे सम्मान के साथ लाने तक, 28 प्रकार के कामों की चर्चा हुई।
सब ने कहा कि अब पहले की अपेक्षा सिख बंधु समझ रहे हैं और वह अब एक सकारात्मक नॉरेटिव पर आने लगे हैं। इसमें प्रयत्न करने होंगे, समय, शक्ति लगानी होगी, पर हो जायेगा।वैसे गत लोक सभा चुनाव में सिख बंधुओ ने बड़ी मात्रा में राष्ट्रवाद के अनुसार वोट किया भी है।और वह अब गलत बयानी करने वालों के इरादों को समझने भी लगे हैं।
एक सिख कार्यकर्ता ने कहा कि मैं तो इसे मिशन बनाकर लगता हूं, क्योंकि इसी में ही सिख समाज की भी भलाई है।~सतीश
फरीदाबाद में बैठक के बाद जलपान से पूर्व का चित्र

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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