आज सवेरे कश्मीरी लाल जी और मैं दिल्ली के लोधी गार्डन में सवेरे सैर करने निकले!
हमारी कुछ विषय पर गहन चर्चा हो रही थी!
मैंने पूछा “कश्मीरी लाल जी,सकारात्मकता का कितना महत्व है,जीवन में?”
तो उन्होंने मुझे विश्वास नाग के आए एक संदेश का हवाला दिया और बोले “यदि हम अन्दर लिया भोजन 24 घंटे में बाहर ना करें तो हम बीमार पड़ जाएंगे!
इसी तरीके से यदि पिया पानी हमारे शरीर से 4 घंटे में नहीं निकले तो हम बीमार पड़ जाएंगें!
यदि हम लिया हुआ श्वास 1 मिनट मे बाहर ना छोड़ें तो हम बीमार पड़ जाएंगे…”
“किंतु क्या कभी हमने सोचा,की कई बार हम घृणा,गुस्सा,ईर्ष्या द्वेष, या अन्य नकारात्मक विचार इनको दिनो, महीनों और कई बार वर्षों तक अपने अंदर रखते हैं, निकालते ही नहीं,तो हम कितने मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं? औऱ बिमार आदमी सफल कैसे होगा?
कश्मीरी लाल जी आगे बोले…
“हमें सकारात्मकता से,मौन रखकर व अन्य प्राकृतिक,आध्यात्मिक तरीकों से इन्हें बाहर निकालते रहना चाहिए!…
ताकि हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बने रहें!”
सकारात्मक रूप से जीने में ही…
जीवन की सफलता है…!!
आपको क्या लगता है?..
और भी कुछ विषयों पर चर्चा हुई और हम ऐसे आज चर्चा करते हुए अपने निवास स्थान पर लौट गए
~’स्वदेशी- चिट्ठी’
चलो थोड़ा मुस्कुरा लीजिए…
एक सज्जन ने अपने पड़ोसी से पूछा…
“अरे क्या बात हुई? सुना है आप के लड़के की सगाई टूट गई है! शादी होने वाली थी,क्या हुआ?”
तो उस सज्जन ने उत्तर दिया “अरे क्या बताऊं भाई! किसी कमीनें ने अफवाह उड़ा दी कि लड़का कांग्रेसी है, और राहुल को PM का कैंडिडेट मानता है! बस सारा काम ही खराब हो गया!”