गत सप्ताह,टाइम्स ऑफ इंडिया में एक रिसर्च पेपर छपा है जिसकी पहली लाइन है “The center of gravity of Fortune 500 companies is shifting to india” आखिर 4 साल बाद ही क्यों ना हो,ऐसा लग रहा है कि मोदी सरकार का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट मेक इन इंडिया सफल हो रहा है!
दुनिया की 500 बड़ी कंपनियां में से अनेक अपने जीआईसी(global inhouse center) भारत में शिफ्ट कर रही हैं!ऐसा केवल cost effective के कारण से नहीं हो रहा बल्कि भारतीय युवा प्रतिभा और भारत में उपलब्ध आईटी का इंफ्रास्ट्रक्चर और Research n Development में सुधार के कारण है!
यह आश्चर्यजनक किंतु सत्य है इसमें 8.3लाख नए लोग लगे हैं जिसमें से 45% अकेले रिसर्च एंड डेवलपमेंट में हैं! इस वर्ष यह 23 %की पिछले वर्ष की अपेक्षा ग्रोथ है!
हर क्षेत्र में नई कंपनियाँ खुल रही हैं! इनका सबसे प्रमुख बड़ा केंद्र तो बेंगलुरु में है जहां पर 35% जीआईसी जा रही हैं उसके बाद 15% के साथ दिल्ली-एनसीआर है!उधर गत जीडीपी वृद्धिदर 7.2% सारी दुनिया में सर्वाधिक चल ही रही है!उसके इस वर्ष 7.8%तक आने की पूरी संभावना है ही…
स्वदेशी की सोच तो मेड बाई भारत ही है,किंतु वर्तमान की सरकार अपने लक्ष्य ‘मेक इन इंडिया’में सफल होती दिख रही है! कुछ भी हो मेरा देश चल रहा है और आगे बढ़ रहा है~सतीश
आज गुरुग्राम में स्वदेशी की अछी गोष्ठी हुई,कार्यकर्ता पगड़ी पहना कर स्वागत करते हुए, बाद में गाँव उजीना में किसानों की समस्याओं को समझा!
मैं सोच में पड़ गया कि अगर दिल्ली के इतने नज़दीक के किसानों की यह हालत है तो बिहार,बंगाल के किसानों का क्या होता होगा! वास्तव में अन्नदाता हमारे देश में सबसे अधिक कठिनाई में है! दूसरी बात,दिल्ली में तथाकथित ‘seminar on agriculture करके समस्याओं का समाधान नहीं होगा इसके लिए तो वहीं जाकर,समझकर ही किसान को ख़ुशहाल करने की योजना करनी होगी