केजरीवाल का शोर उन दिनों चरम पर था! समाधान हेतू मैं दिल्ली झण्डेवाला में संघ के वरिष्ठ सहसरकार्यवाह जी से मिला..मैने कहा..क्या होगा? इतने वर्षों से काम हम कर रहे हैं और यह 2-3 साल से आया केजरीवाल देश का नेता बन गया है, क्या करें?
उन्होने थोड़ा मुस्कुराते हुए कहा..”अरे तुम्हें तो मोदी से भी ज्यादा चिंता हो गई है? कुछ नहीं होगा! जाओ काम करो!और सुनो,भारत में ऐसे नेताओं के तीन हश्र पक्के हैं..१.ये जितनी तेजी से उभरते हैं उतनी तेजी से समाप्त होते हैं २. ये अंत में स्वयं भ्रष्ट हो जाते है ३.ये कहीं न कहीं कांग्रेस से ही जा मिलते हैं” मैने चरणसिंह से लेकर लालू तक सबको देखा है! वे भी शुरू में बडे सच्चे सुच्चे लगते थे,यह भी अपवाद नहीं होगा”
मैं उन्हें प्रणाम कर बाहर तो आ गया पर मन में दो तीन वर्ष तक भी स्वीकार नहीं कर पाया! पर परसों जब पहले मजीठ्या से व बाद में अन्यों से माफी की भीख मांगते केजरीवाल को देखा तो याद आया 4 साल पहले का दृश्य व अपने अधिकारियों की दूरदर्शिता..तीनों ही बातें सत्य सिद्ध हो रही हैं…3 साल में बना नेता 3 ही साल में भ्रष्टाचारी, निक्कमा व कायर सिद्ध हो गया है…
*सफलता किसे कहते हैं?एप्पल कंप्यूटर, फोन के अविष्कारक स्टीव जाब बहुत पढे लिखे नहीं थे और 20वर्ष की उम्र में ही उन्होनें एप्पल कंपनी बनाकर अमेरिका व दुनिया में धमाका कर दिया था!पर भाग्यचक्र कि उसी कंपनी ने ही उन्हें बाहर निकाल फैंका! पर वे घबराए नहीं और NeXT नाम से दूसरी कंपनी खड़ी कर दी!इधर कुछ ही वर्षों में एप्पल लड़खडा गई! तो उन्हें सस्म्मान वापिस ले लिया!52 वर्ष की छोटी उम्र में कैंसर से देहान्त हुआ! पर प्रसिद्ध भाषण stay Hungry stay Foolish व अपने जीवट जीवन से वे लाखों के प्रेरणा केन्द्र बने…
*एक विफलता व नफ़रत का तो दूसरा सफलता व प्रेरणा का प्रतीक…सतीश
गत दिनों जमशेदपुर मेले में समापन कार्यक्रम में बोलते हुए…