उन्होंने सर्जरी के बाद अपनी एक 19 सेकंड का विडियो शेयर की जिसमें वह स्वस्थ्य लग रहें है और अख़बार पड़ रहे है।
जग्गी वासुदेव (सद्गुरु) जी जिन्होंने 1992 में ईशा फाउंडेशन की स्थापना की. यह ईशा फाउंडेशन कोयम्बतूर (तमिलनाडु) में एक आश्रम और योग केंद्र संचालित करते है, जहां जग्गी वासुदेव जी द्वारा आदियोगी (शिव की विशाल प्रतिमा) और ध्यानलिंगा यानि (शिव लिंग) कि स्थापना की है, यहाँ पर हर वर्ष सद्गुरु के द्वारा महाशिवरात्रि का पर्व भी मनाया जाता हें, वह इस आश्रम में देश-विदेश से आये सभी भक्तजनों को योग और ध्यान का अभ्यास भी करवाते है।
इसके अतिरिक्त वह देश-दुनिया में कई सभा या युवाओं के बीच जीवन के महत्वपूर्ण विषयों पर वार्ता एवं कार्यक्रमों का संचालन भी यही से किया जाता है।
जग्गी वासुदेव के द्वारा एक वैश्विक अभियान (Save Soil is a global movement ) मिट्टी बचाओ शुरू किया गया, जो मिट्टी के संकट को दूर करने के लिए दुनिया भर के लोगों को एकजुट कर रहा है।
ईशा फाउंडेशन की ग्रीन हैंड्स परियोजना के अंतर्गत तमिलनाडु और पुदुच्चेरी में 1800 से अधिक समुदायों में, 20 लाख से अधिक लोगों द्वारा 82 लाख पौधे रोपण का आयोजन किया है। सद्गुरु का मानना हे कि यदि हम नदियों कि रक्षा करेंगे तो वृक्षों की रक्षा स्वयं हो जाएगी, उनके द्वारा रैली फ़ॉर रिवर नदियों के संरक्षण के लिए अभियान चला रहे हैं।
सद्गुरु जी को पर्यावरण संरक्षण के कार्यों के लिए इसे वर्ष 2008 का इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार दिया गया। वर्ष 2017 में आध्यात्म के लिए पद्मविभूषण से भी सम्मानित किया गया।
हमारी ईश्वर से यहीं प्रार्थना है कि वह जल्दी ही पूर्णरूप से स्वस्थ हों व दीर्घ आयु के शुभकामनायें।
~सतीश कुमार~