इंफोसिस के नारायण मूर्ति ने मोहनदास पाई को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि “भारतीय युवाओं को यदि चीन से आगे निकलना है तो उन्हें अधिक परिश्रम करना चाहिए और एक सप्ताह में 70 घंटे तक काम करना चाहिए।अनुशासन और ऊंची सोच बनानी चाहिए।”
इसका अर्थ यह हुआ कि यदि रविवार की छुट्टी माने तो प्रतिदिन 12 घंटे कार्य। सारे भारत में इस पर एक सार्थक बहस चल रही है। उन्होंने उदाहरण भी दिया है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बर्बाद हुआ जापान और जर्मनी और हमारे से पीछे रहा हुआ चीन सब हमारे से आगे निकल गए हैं। क्योंकि उनके युवाओं ने परिश्रम किया अब हमारे पास युवा शक्ति है,उनके पास नहीं।
यदि हमारे युवक भी यह परिश्रम करें तो हम भी दुनिया से आगे निकल सकते हैं।इसमें कुछ भी गलत बात नहीं है। जो लोग कार्य और संतुलित जीवन की बात कर रहे हैं वह पश्चिम से प्रभावित हैं। जहां पर पैसा अत्यधिक हो चुका है,और आबादी वृद्ध हो गई है।
15 से 40 आयु वर्ग के बीच के युवाओं को 12 घंटे काम करना कोई बड़ी बात नहीं होनी चाहिए। समेत मोदी जी, देश के बहुत से लोग 72..73 वर्ष आयु में भी अभी प्रतिदिन 15