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बायोफ्यूल…अगर पूरी तरह सफल हो जाए,तो भारत की बात बन जाए…!

इस सोमवार को भारत नें एक ऐसी उपलब्धि की जिसे अभी तक केवल दो देश अमेरिका व आस्ट्रेलिया ही कर पाए हैं!
बायोफ्यूल से अभी तक कारें आदि चलने लगी थीं पर उस दिन देहरादून से दिल्ली तक स्पाईसजेट का विमान जट्रोपा मिक्स उस तेल से उड़ा जिसे छतीसगढ के 500 किसानों ने तैयार किया था!
भारत के आयात बिल में 26% तेल ही है! हर वर्ष कोई 5 लाख करोड़ रूपये हमें बाहर भेजना पोड़ता है! अगर हम अपना बायोफ्यूल बनाकर आधा काम भी चला लें तो न केवल 2.5 लाख करोड़ रूपया प्रतिवर्ष बचा लेंगे बल्कि लाखों किसानों को खुशहाल व लाखों रोजगार भी सृजन कर लेंगे!
वैसे नीतिन गडकरी,धर्मेन्द्र प्रधान जैसे कुछ लोग काफी गम्भीरता से इस पर काम कर रहे हैं!
मोबाईल में तो बन गई बात!
स्वदेशी चिट्ठी के पाठकों की जानकारी के लिए अब भारत में मोबाईल बनाने वाली 120 कंपनियां(फैक्ट्रियां) प्रोडक्शन करने लगी हैं! इनमें कुछ विदेशी हैं बाकि सब स्वदेशी!
दैनिक जागरण के अनुसार तो इससे भारत का प्रतिवर्ष कोई 3 लाख करोड़ रूपया बचेगा! क्योंकि भारत में मोबाईल की खपत दुनिया में सर्वाधिक है!अभी तक चीन व अन्य देशों से ही खरीदने पड़ते थे!
गतिविधि:कश्मीरी लालजी नागपूर में एक महिला कालेज में!मैं आज सैन्ट्रल युनिवर्सिटी कलबुरगी में था तो भगवतीजी परसों भोपाल में De globalisation पर बोलने गए! उधर दिल्ली अश्वनी जी व अजयपत्की जी e-commerce पर सेमिनार कर रहे थे! प्रदीप जी भी प्रवास पर…सब तरफ स्वदेशी!
~सतीश- ‘स्वदेशी-चिट्ठी’

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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