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पंजाब में स्वदेशी और स्वावलंबन का उत्तम वातावरण!

आज पंजाब में जालंधर में प्रवास पर था। वहां निधि संग्रह हेतु कार्यकर्ता एक स्थान पर ले गए।वहां के सुप्रसिद्ध डॉक्टर गुरदीप सिंह जी और सरदार रनतेज सिंह जी भी आए थे।
डॉक्टर गुरदीप सिंह इंग्लैंड में हृदय रोग की विशेषज्ञता हासिल करने के बाद वहां की नागरिकता छोड़कर वापस जालंधर आए और ऑक्सफर्ड हॉस्पिटल शुरु किया। चर्चा के विषय थे पंजाब के युवाओं का विदेश पलायन,परिवार का महत्व, भारत की प्रगति का महत्व आदि। वे पूरी तरह अपने विचारों के लगे।
सरदार रणतेज सिंह बहुत बड़े कृषि क्षेत्र व इंडस्ट्री के प्रमुख हैं।अमेरिका में ग्रीन कार्ड छोड़कर वापस पंजाब आकर बसे हैं।
स्वावलंबी भारत अभियान में सहयोग करने के लिए दोनों ने न केवल वचन दिया बल्कि निधि संग्रह में बड़ा सहयोग भी किया। वे दोनों पंजाब को हसदा वसदा पंजाब बनाने, उद्यमिता के प्रोत्साहन व इंडस्ट्री के फैलाव के प्रति जागरूक थे। आगे भी स्वदेशी जागरण मंच के साथ मिलकर कार्य करने को इच्छुक हैं।
इस समय पंजाब में हिंदुत्व की, स्वदेशी की अच्छी लहर बह रही है, जो आने वाले दिनों में और प्रखर होकर दिखेगी।~सतीश
डॉक्टर गुरदीप सिंह व रणतेज सिंह जी, फिर हरमीत वालिया जी निधि संग्रह हेतु अपने-अपने चेक भेंट करते हुए, साथ में नगर संघचालक जी, प्रांत समन्वयक, प्रांत संगठक।

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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