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“जहां हुए बलिदान मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है जो कश्मीर हमारा है वह सारे का सारा है!!”

लगभग 70 वर्षों से यही उद्घोष भारत के लाखों ही नहीं करोड़ों देशभक्त लगाते आए हैं। हजारों बलिदान हुए हैं, लाखों विस्थापित हुए हैं।
किंतु आज भारत सरकार के एक फैसले द्वारा इस ऐतिहासिक गलती को सुधार दिया गया है। और धारा 370 हटाकर जम्मू कश्मीर को पूरी तरह से भारत का हिस्सा बना लिया गया है।
लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश (विधानसभा के साथ) करके जो ऐतिहासिक कदम उठाया है उसकी सब तरफ से बधाइयां आ रही हैं। स्वदेशी चिट्ठी के पाठकों को भी बहुत-बहुत बधाई। देश दुनिया का नेतृत्व करने की तरफ एक कदम और आगे बढ़ गया है। भारत माता की जय!
अपने राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल जी की तरफ से भी सबको कोटीश: बधाईयां व शुभकामनाएं।
जालंधर में विद्याधाम में खुशियां मनाते हुए कार्यकर्ता।
(३ वर्ष पूर्व लिखी चिठ्ठी)

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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