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पाकिस्तान:बोए पेड़ बबूल के तो आम कहां से होय?

इस समय पर पाकिस्तान की हालत बड़ी खस्ता है।पुलवामा आतंकी घटना के बाद भारत द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों व दुनिया भर में पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी-समर्थन के विरुद्ध,दुनिया भर में जागृति होने से, उसे सब तरफ से मार पड़ रही है।परिणाम स्वरूप पाकिस्तान की इकॉनमी बुरी तरह से लड़खड़ा रही है।
पाकिस्तानी रुपैया डॉलर के मुकाबले में ₹160 में, यानी भारत के एक रुपए के मुकाबले में 2.4 रुपे हो गया है।खाने-पीने की वस्तुओं सहित महंगाई आसमान छू रही हैं। आईएमएफ से 6 बिलियन का लोन लेकर अपने लोगों को निर उत्साहित कर बैठे हैं इमरान।चुनाव के समय वादा किया था कि लोन नहीं लूंगा।
फिर अमेरिका गए तो जैसे कोई चोर, ढेर सारी पुलिस की मार खाकर राज उगलता है, ऐसे ही वहां जाकर बोले कि गत 15-20 वर्षों से पाकिस्तान में 30-40,000 आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी गई है। वे अभी भी वहां हैं।
पाकिस्तान की ग्रोथ रेट इस समय पर 3.3% रह गई है।(भारत की 7% है)और वहां का रिजर्व केवल 8 बिलियन डॉलर।(भारत का 430 बिलियन है)जिसके कारण से वहां बेरोजगारी और गरीबी भी तेजी से बढ़ रही है।आम जनता बुरी तरह त्रस्त है।
यह सब हुआ है,पिछले 20-25 वर्षों से पाकिस्तान द्वारा लगातार आतंकवादियों को पनाह देने और भारत के खिलाफ आतंकी युद्ध भड़काने के परिणाम स्वरूप।
अब वहां कुछ चिंतन चला है।अभी भी यदि ठीक रास्ते पर आएं, वहां के हुक्मरान, तो ठीक, अन्यथा एक देश के नाते से पूरी तरह विफल हो सकता है पाकिस्तान। हमारी तो फिर भी शुभकामनाएं हैं।
(३ वर्ष पूर्व लिखी चिठ्ठी)
पाकिस्तान के पूर्व-प्रधानमंत्री इमरान खान

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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