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हमारी परंपराएं,हमारा परिवार,आध्यात्मिक सोच है विश्व में अनोखी!

आज सवेरे अपने प्रचारक विनय जी, दिल्ली कार्यालय के मेरे कमरे में आए और कहने लगे “सतीश जी! जल्दी करो हमें 9:00 निकलना है, श्रीनगर(कश्मीर)के लिए।”
कल ही तीन दिन की बैठक संपन्न हुई थी,तो मैंने कहा “भाई! आज प्रवास तुमने श्रीनगर में क्यों रखा है? यहीं निकट कहीं रखते।”
वह बोले “दिल्ली,पंजाब या कहीं पर भी आज आपका प्रवास रखना संभव ही नहीं था, केवल श्रीनगर में ही हो सकता था ,क्योंकि वहां कोई करवा चौथ नहीं मनाता।”
जैसे ही मुझे ध्यान आया कि आज करवा चौथ है, तो मैंने सोनीपत में बड़ी बहन दीक्षा जी को फोन किया। स्वाभाविक है वह व्रत में थीं, मेरे फोन से प्रसन्न हो उठीं। हरियाणा में जीत की उसने बधाई भी दी तो शिकायत भी की “तुम्हारी पार्टी का उम्मीदवार तो पसंद नहीं था, पर मोदी के कारण वोट तो देना ही था।” मैंने मुस्कुराते हुए विषय बदल दिया लेकिन मैं सोचने लगा कि अपने पति की दीर्घायु के लिए पत्नी द्वारा व्रत (पानी तक नहीं पीना) रखना, यह विश्व की अन्य सभ्यताओं में देशों में तो सोच भी नहीं रहती।
परसों दिल्ली में उद्यमिता संगम,जिसे इसी करवा चौथ के चलते रविवार की बजाए शुक्रवार को करना पड़ा, के कार्यक्रम में बोलते हुए सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल जी ने कहा “भारत की आत्मा आध्यात्मिक है।इस आध्यात्मिकता से अपनापन , करुणा और सेवा भाव निकलता है जो पूरे समाज में परिवार भाव पैदा करता है, गरीब बेरोजगार हेतु काम करने की प्रेरणा देता है। इसीलिए भारत अजर अमर है।
दूसरे देशों में हमारे जैसी सुदृढ़ परिवार व्यवस्था नहीं है सब अपने-अपने में लगे रहते हैं।पश्चिमी प्रभाव के कारण से इस परिवार और अध्यात्म परंपरा को कमजोर नहीं होने देना चाहिए।
करवा चौथ, धनतेरस और दिवाली की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
(फ़ोटो में):बड़ी बहिन दीक्षा जी गत दिनों सेविका समिति के कार्यक्रम में, और कश्मीरी लाल जी परसों उद्यमिता संगम में।

दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहलाता है कोयंबटूर! इस शहर ने 7 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया हुआ है। अकेले कोयंबटूर की जीडीपी 50 अरब डॉलर है जबकि सारे श्रीलंका की जीडीपी 80 अरब डॉलर है।"भारत का प्रत्येक महानगर कोयंबटूर बन जाए तो भारत की बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी।

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