आज विजयदशमी के दिन ही 100 वर्ष पूर्व नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई।
आज सवेरे से ही मैं सोच में था की क्या कोई अन्य संगठन ऐसा है जो 100 वर्ष तक लगातार बढ़ता गया हो और इतनी विषम परिस्थितियों में और चुनौतियों से निपटते हुए?
क्या-क्या नहीं हुआ संघ के साथ। 1934..35 में अंग्रेजों ने संघ पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की। फिर 1948 में तो न केवल संघ को बदनाम करने के लिए गांधी हत्या का जूठा आरोप लगाया बल्कि संघ को प्रतिबंधित भी कर दिया। हजारों स्वयंसेवक जेल में डाल दिए गए।नेहरू जी ने तो यहां तक कहा “एक इंच जमीन भी मैं भगवा लहराने के लिए नहीं दूंगा।” यह अलग बात है कि आज सारे देश और दुनिया में हिंदुत्व का भगवा लहरा रहा है।
फिर 1975 में इंदिरा गांधी जी ने इमरजेंसी लगाई तो संघ पर प्रतिबंध लगा।65000 से अधिक स्वयंसेवक जेलों में डाल दिए। फिर सत्याग्रह आदि करने पड़े।1991 में बाबरी ढांचा गिरने के बाद भी संघ पर प्रतिबंध लगाया गया।
संघ यद्यपि व्यक्ति निर्माण और देशभक्ति प्रसार का काम कर रहा है, सेवा, शिक्षा के अनेक संगठन चला रहा है, किंतु उसको बदनाम करने के लिए हर सरकारी व गैर सरकारी माध्यमों का भरपूर दुरुपयोग किया गया।
लेकिन संघ तो निरंतर बढ़ता ही जा रहा है।3000 से अधिक समर्पित प्रचारक, 70000 से अधिक शाखाएं,40 से अधिक अखिल भारतीय संगठन, बीसियों प्रांतीय संगठन,सब प्रकार के सेवा और समाज के कार्य।
फिर सबसे बड़ी बात! सब एकजुट, हर स्तर पर उत्तम टीमवर्क। आजकल संगठनो के शुरू होते ही आपस में फूट पड़ जाती है बंट जाते हैं।किंतु 99 वर्ष पूरा होने के बाद भी यह तो लगातार बढ़ता ही जा रहा है। क्योंकि सात्विकता और देशभक्ति का यह बीज ही अनोखा है।अभी तो यह यात्रा गति पकड़े हुए है… भारत माता की जय जयकार करते लक्ष्य की ओर करोड़ों कदम बढ़ते ही जा रहे हैं।~सतीश
संघ के शिशु स्वयंसेवक