कल जब उत्तर पूर्वी 3 राज्यों के चुनाव परिणाम आए तो यह कोई सामान्य राजनीतिक परिणाम नहीं थे बल्कि देश की,राष्ट्रीयता की,हिंदुत्व की व संगठन की विजय के परिणाम थे!हमको याद है 2001 में इसी त्रिपुरा के वनवासी कल्याण आश्रम से अपने चार प्रचारक नागा उग्रवादी ले गए थे और कुछ वर्ष पश्चात उनके देहांत की पुष्टि हो गयी! त्रिपुरा जो लगभग 25 वर्ष तक वामपंथ का गढ़ रहा, नागालैंड 90% ईसाई है!और इसी राह पर ही मेघालय है! किंतु वहां पर हिंदुत्ववादी ताकतों की विजय होना भाजपा का विजय होना,यह राष्ट्र की एकता-अखंडता के लिए भी बहुत ही उपयोगी हुआ है!
मुझे किसी ने लिख भेजा~अब वामपंथ केवल तीन जगह रह गया है एक JNU दूसरा NDTV व् तीसरा केरल! ठीक ही है!संपूर्ण राष्ट्र में पिछले 92 वर्षों से चल रही एकता अखंडता की साधना फलीभूत हो रही है!
*आज भीलवाड़ा में स्वदेशी परिवार मिलन का बहुत ही अच्छा कार्यक्रम संपन्न हुआ! लगभग 1000 लोग थे इंडोर स्टेडियम में बहुत अच्छे सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए!कश्मीरी लाल जी प्रमुख वक्ता के नाते से वहां उपस्थित थे!
* भोपाल में आज मध्यप्रदेश क्षेत्र की बैठक थी रोजगार परिवार व पर्यावरण पर चर्चा हुई! स्वदेशी विकास मॉडल को साकार करने हेतु स्वदेशी the मेलों का आयोजन किया जाये यह चर्चा भी हुई…